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Hindi News भारत राजनीति हेमंत सोरेन का बड़ा दांव, पूर्व शिक्षा मंत्री की पत्नी को बगैर MLA बने बनाया मंत्री; अटक-अटक कर पढ़ा शपथ पत्र

हेमंत सोरेन का बड़ा दांव, पूर्व शिक्षा मंत्री की पत्नी को बगैर MLA बने बनाया मंत्री; अटक-अटक कर पढ़ा शपथ पत्र

बेबी देवी फिलहाल विधायक नहीं हैं और नियमानुसार मंत्री पद पर बने रहने के लिए अगले 6 महीने के भीतर उनका विधायक चुना जाना जरूरी है। सीएम हेमंत सोरेन पहले भी इस तरह का प्रयोग कर चुके हैं।

baby devi- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA बेबी देवी ने मंत्री पद की शपथ ली

रांची: झारखंड के डुमरी विधानसभा क्षेत्र में आगामी महीनों में संभावित उपचुनाव के ठीक पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बड़ा दांव चला है। उन्होंने इस क्षेत्र से विधायक रह चुके पूर्व शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निधन के बाद मंत्रिमंडल में खाली हुई सीट पर उनकी पत्नी बेबी देवी को मंत्री बना दिया है। बेबी देवी को सोमवार को राजभवन के दरबार हॉल में आयोजित एक संक्षिप्त कार्यक्रम में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने मंत्री पद की शपथ दिलाई। चर्चा है कि अपने पति की तरह उन्हें मंत्री के तौर पर शिक्षा एवं एक्साइज विभाग आवंटित किया जएगा।

डुमरी विधानसभा क्षेत्र से लड़ेंगी चुनाव
बेबी देवी ने शपथ पत्र हिंदी में किसी तरह अटक-अटक कर पढ़ा। इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मंत्री सत्यानंद भोक्ता एवं बन्ना गुप्ता सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे। बेबी देवी फिलहाल विधायक नहीं हैं और नियमानुसार मंत्री पद पर बने रहने के लिए अगले 6 महीने के भीतर उनका विधायक चुना जाना जरूरी है। उनके मंत्री के तौर पर शपथ लेने के साथ ही यह तय हो गया है कि डुमरी विधानसभा क्षेत्र में होने वाले उपचुनाव में बेबी देवी ही सत्ताधारी गठबंधन की ओर से उम्मीदवार होंगी।

6 अप्रैल को हुआ था जगरनाथ महतो का निधन
जगरनाथ महतो डुमरी विधानसभा क्षेत्र से झामुमो के विधायक थे। चेन्नई में इलाज के दौरान उनका बीते 6 अप्रैल को निधन हो गया था। जगरनाथ महतो इस क्षेत्र से लगातार चार बार विधायक चुने गए थे। उनके निधन के बाद उनके विरासत को लेकर चर्चा शुरू हो गई थी। पहले जगरनाथ महतो के बेटे अखिलेश महतो के चुनाव लड़ने और मंत्री बनने की चर्चा चल रही थी। लेकिन उनकी उम्र 25 वर्ष से कम होने की वजह से उनकी पत्नी को मंत्री बनाया गया है।

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बता दें कि सीएम हेमंत सोरेन पहले भी इस तरह का प्रयोग कर चुके हैं। सोरेन ने मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद उनके पुत्र हफीजुल हसन अंसारी को वर्ष 2021 में बगैर विधायक बने मंत्रिमंडल में जगह दी थी। बाद में वह उपचुनाव में झामुमो उम्मीदवार के तौर पर जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे थे।

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