नयी दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कहा कि जम्मू कश्मीर में परिसीमन की कवायद पूरी होने और राजनीतिक दलों से परामर्श के बाद विधानसभा चुनाव कराये जाएंगे। दिल्ली के तीन नगर निगमों के एकीकरण से संबंधित विधेयक पर लोकसभा में चर्चा के दौरान कुछ सदस्यों ने कश्मीर में विधानसभा चुनाव में देरी होने के विषय पर चिंता जाहिर की थी। चर्चा का जवाब देते हुए शाह ने कहा कि उन्होंने अनुच्छेद 370 के प्रावधान समाप्त किये जाने के समय संसद में जो कहा था, वह सबके सामने है और रिकॉर्ड पर है।
‘परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने वाली है’
अमित शाह ने कहा कि उन्होंने स्पष्ट कहा था कि जम्मू कश्मीर में पहले पंचायत चुनाव होंगे, इसके बाद परिसीमन की कवायद होगी और यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद विधानसभा चुनाव कराये जाएंगे तथा जम्मू कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होगा। उन्होंने कहा, ‘पंचायत चुनाव बिना हिंसा के संपन्न हो गये। जिला पंचायत चुनाव हो चुके हैं। परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने वाली है। मैं यह बात एक बार फिर दोहराना चाहूंगा कि परिसीमन पूरा होने के बाद हम राजनीतिक दलों से परामर्श करके चुनाव कराएंगे।’
कश्मीर में जून 2018 से लागू है राष्ट्रपति शासन
बता दें कि जम्मू कश्मीर में जून 2018 से राष्ट्रपति शासन लागू है। भारतीय जनता पार्टी ने तब मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। मोदी सरकार ने अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर को 2 केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था। जम्मू कश्मीर अब विधानसभा के साथ केंद्रशासित प्रदेश है।
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