Assam Floods: असम में भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई थी, हालांकि अब स्थित में सुधार जारी है। राज्य में बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या घटकर करीब 68 हजार रह गई है। यानी अभी भी लगभग 68 हजार लोग बाढ़ का प्रकोप झेल रहे हैं। वहीं, मौत का कोई नया मामला दर्ज नहीं किया गया है। इस साल राज्य में बाढ़ और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 38 है।
राज्य में फिलहाल कोई बड़ी नदी खतरे के निशान से ऊपर नहीं बह रही है। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के दैनिक बाढ़ बुलेटिन में कहा गया है कि 68,590 लोग अब भी प्रभावित हैं। कछार, दीमा हसाओ, कामरूप मेट्रोपॉलिटन, मोरीगांव और नगांव बाढ़ से प्रभावित हैं। शुक्रवार तक पांच जिलों के 69,610 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए थे। चार राहत शिविरों में कुल मिलाकर 705 लोग शरण लिए हुए हैं।
असम में 5790.72 हेक्टेयर फसल क्षेत्र क्षतिग्रस्त
बता दें कि वर्तमान में 161 गांव पानी के नीचे हैं। पूरे असम में 5790.72 हेक्टेयर फसल क्षेत्र क्षतिग्रस्त हो गया है। मोरीगांव बाढ़ से सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ है। यहां 39,976 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं, नगांव में 16106 लोग प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा कछार में 6324 लोग प्रभावित हुए हैं।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने 23 मई को कहा था कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने उन्हें आश्वस्त किया है कि असम की बराक घाटी और त्रिपुरा, मिजोरम व मणिपुर के कुछ इलाकों को जोड़ने वाले रेल मार्ग को 10 जुलाई तक चालू कर दिया जाएगा। बाढ़ और भूस्खलन के कारण इन क्षेत्रों में रेल सेवाएं प्रभावित हुई हैं।
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