असम: बहुविवाह को खत्म करने के लिए बड़ा कदम, सरकार ने जनता की राय मांगी
12 मई को सीएम हिमंत बिश्व सरमा ने इस मामले में रिटायर्ड जस्टिस रूमी कुमारी फुकन की अध्यक्षता में चार सदस्यीय विशेषज्ञ समिति के गठन की घोषणा की थी।
असम के सीएम हिमंत बिश्व सरमा ने सोमवार को राज्य में बहुविवाह की प्रथा को खत्म करने के लिए जनता से राय मांगी है। सीएम हिमंत के नेतृत्व वाली असम सरकार ने इस प्रथा को रोकने के लिए कानून प्रस्तावित किया है। सीएम हिमंत ने X (ट्विटर) पर पोस्ट साझा करते हुए जनता से इस कानून के बारे में अपनी राय देने की अपील की है।
इस तारीख तक दें राय
सीएम हिमंत बिश्व सरमा द्वारा शेयर किए गए नोटिस के अनुसार, लोग इस कानून पर ईमेल या डाक के माध्यम से अपनी राय 30 अगस्त 2023 तक दे सकते हैं। नोटिस में कहा गया है कि असम सरकार ने बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाने के लिए अध्ययन हेतु एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य विधानसभा बहुविवाह की प्रथा पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाने के लिए सक्षम है।
राज्य बना सकता है कानून
शेयर किए गए नोटिस में कहा गया है कि विवाह का मामला समवर्ती सूची के अंतर्गत आता है। इस कारण केंद्र और राज्य दोनों इस पर कानून बना सकते हैं। इसमें ये भी कहा गया है कि डॉक्टरीन आफ रिपगनैंसी (अनुच्छेद 254) यह निर्धारित करता है कि यदि कोई राज्य कानून केंद्रीय कानून के विरोधाभासी है, तो राज्य का कानून रद्द हो जाएगा, यदि उसे भारत के राष्ट्रपति की पूर्व मंजूरी हासिल नहीं है।
15 अगस्त को दी थी जानकारी
15 अगस्त को 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने अपने संबोधन में कहा था कि असम में बहुविवाह को समाप्त करने के लिए जल्द ही एक सख्त कानून लाया जाएगा। वहीं, विपक्षी दलों ने पहले ही बहुविवाह पर कानून बनाने के सरकार के फैसले को ध्यान भटकाने वाला और सांप्रदायिक बताया है। खासकर ऐसे समय में जब विधि आयोग को समान नागरिक संहिता (UCC) पर सुझाव मिल रहे हैं।
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