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Hindi News भारत राजनीति मुझे सिक्यॉरिटी नहीं चाहिए, बुलेटप्रूफ गाड़ी और हथियार रखने की परमिशन दे सरकार: असदुद्दीन ओवैसी

मुझे सिक्यॉरिटी नहीं चाहिए, बुलेटप्रूफ गाड़ी और हथियार रखने की परमिशन दे सरकार: असदुद्दीन ओवैसी

AIMIM चीफ ने कहा कि वह गृह मंत्री अमित शाह को खत लिखकर बुलेटप्रूफ गाड़ी और एक हथियार रखने की परमिशन मांगेंगे।

Owaisi bulletproof vehicle, Owaisi weapon Permission, Owaisi News, Owaisi Attack News- India TV Hindi Image Source : PTI ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी।

Highlights

  • हम गृह मंत्री को खत लिखेंगे कि हम बुलेटप्रूफ गाड़ी रखना चाहते हैं, हमें उसकी परमिशन दीजिए: ओवैसी
  • हमारे पास पहले से ही हथियार का लाइसेंस है, सरकार हमें लॉक हथियार रखने की इजाजत दे: ओवैसी
  • ओवैसी ने कहा कि सरकार को इन लोगों के बारे में सब मालूम है और उसे कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

नई दिल्ली: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को संसद में अपने ऊपर हुए हमले पर पहली बार बयान दिया। ओवैसी ने साफ-साफ कहा कि उन्हें सिक्योरिटी नहीं चाहिए। उन्होंने इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा कि उन्हें एक बुलेटप्रूफ गाड़ी चाहिए। ओवैसी ने कहा कि इस बुलेटप्रूफ गाड़ी का खर्च वह खुद उठाएंगे। उन्होंने साथ ही कहा कि उनके पास हथियार का लाइसेंस है, सरकार सिर्फ उन्हें लॉक वीपन मुहैया करा दे।

‘बुलेटप्रूफ गाड़ी और हथियार रखने की परमिशन दे सरकार’
AIMIM चीफ ने कहा कि वह गृह मंत्री अमित शाह को खत लिखकर बुलेटप्रूफ गाड़ी और एक हथियार रखने की परमिशन मांगेंगे। ओवैसी ने कहा, 'हम गृह मंत्री को खत लिखेंगे कि हम बुलेटप्रूफ गाड़ी रखना चाहते हैं, हमें उसका परमिशन दीजिए। बुलेटप्रूफ गाड़ी का खर्चा हम खुद उठाएंगे। हमारे पास पहले से ही हथियार का लाइसेंस है, सरकार हमें लॉक हथियार रखने की इजाजत दे। सरकारी सुरक्षा हमें नहीं चाहिए, सरकार आम लोगों को सुरक्षा दे। असदुद्दीन ओवैसी की जान पीलू खान, रकबर, जुनैद, अखलाक से बढ़कर नहीं है। अगर आम आदमी की जान की सुरक्षा होगी तो संसद के सदस्य की जान की भी हिफाजत होगी।'

‘आप आरोपियों पर यूएपीए क्यों नहीं लगाते?’
ओवैसी ने कहा कि सरकार को इन लोगों के बारे में सब मालूम है और उसे कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'सरकार के पास रेडिकलाइज लोगों की लिस्ट है, सरकार को सबकुछ मालूम है। जो ऐसा कर रहे हैं उनको पकड़िए ना। मेरे ऊपर हमला एक टेररिस्ट ऐक्ट है, 6 फीट की दूरी से मैंने फायरिंग देखी। आप आरोपियों पर यूएपीए क्यों नहीं लगाते? क्रिकेट मैच को लेकर फेसबुक पर कॉमेंट होता है तो यूएपीए लगा देते हैं, कोई तकरीर होती है तो यूएपीए की बात होती है, यहां तो 4 बार के एक एमपी के ऊपर दिनदहाड़े गोलियां चलीं। इनसे नरमी क्यों की जा रही है?'

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