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नई संसद के उद्घाटन पर ओवैसी का आया बयान, हिंदू धर्माचार्यों को लोकसभा में ले जाने पर किए सवाल

नई संसद के उद्घाटन पर असदुद्दीन ओवैसी ने मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा है कि पीएम मोदी लोकसभा के अंदर मुस्लिम धर्मगुरू को अंदर क्यों नहीं लेकर गए, केवल हिंदू धर्माचार्यों को ही क्यों ले गए।

नई संसद के उद्घाटन से पहले शुरू हुई राजनीति, उद्घाटन के बाद तक जारी है। हाल ही में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने नई संसद को लेकर बयान दिया है। ओवैसी ने कहा कि पीएम लोकसभा के अंदर हिंदू धर्माचार्यों को लेकर जाते हैं, लेकिन पादरी और मुस्लिम धर्मगुरू को अंदर क्यों नहीं ले गए। इसके साथ ही ओवैसी ने कहा  कि भारत का कोई धर्म नहीं है, भारत सभी धर्मों को मानता है। उसको भी मानता है जो किसी भी धर्म को नहीं मानता है।

"दिल्ली के सुल्तान का राज्याभिषेक लग रहा था"
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने नई संसद के उद्घाटन कार्यक्रम को लेकर कहा कि यह लोकसभा का उद्घाटन नहीं, बल्कि दिल्ली के सुल्तान का राज्याभिषेक लग रहा था। ओवैसी ने सरकार पर आरोप लगाया कि वो केवल हिंदुओं को आगे बढ़ा रही है। लेकिन ओवैसी अकेले नहीं है जो उद्घाटन समारोह के सहारे हिंदू-मुस्लिम कर रहे हैं। इस फेहरिस्त में समाजवादी पार्टी नेता और अखिलेश यादव के चहेते स्वामी प्रसाद मौर्य भी हैं। 

सपा और RJD ओवैसी से एक कदम आगे 
समाजवादी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य तो ओवैसी से एक कदम आगे निकल गए। वो पूजा करने वाले पुजारियों की जाति तलाशने में लग गए, लेकिन सही से ढूंढ़ नहीं पाए तो नया गणित निकाल लिया और पूछने लगे कार्यक्रम में केवल दक्षिण के धर्माचार्य क्यों बुलाए। वहीं RJD को नई संसद में तारीफ करने लायक कुछ भी नहीं दिखा। लेकिन नई संसद के स्ट्रक्चर में RJD को ताबूत दिख गया। विपक्ष के नेताओं ने नई संसद में धर्म का तड़का लगाने की कोशिश की, तो सबसे पहले वो सांसद ही सामने आए जो नई संसद बनने के बाद बेहद खुश हैं।  

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