संसद में प्रभु श्रीराम का नाम लेकर बीजेपी ने आज लोकसभा चुनाव का शंखनाद किया। छुट्टी के दिन आज संसद का सत्र बुलाया गया है। राम मंदिर के निर्माण और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया गया। इस दौरान बीजेपी और विपक्ष के बीच जमकर जुबानी जंग चली। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बाबरी ढांचा गिराए जाने का मामला उठा दिया और पूछा कि किस बात का जश्न मनाया जा रहा है जिसके जवाब में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 500 साल बाद इंसाफ मिला है, न्याय की जीत का जश्न मन रहा है।
'क्या मोदी सरकार सिर्फ एक मजहब की सरकार है?'
संसद में राम मंदिर के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान औवेसी ने केंद्र सरकार पर जोरदार हमला किया। ओवैसी ने कहा, ''बाबरी मस्जिद जिंदाबाद, बाबरी मस्जिद जिंदाबाद... मस्जिद थी, है और रहेगी।'' केंद्र को निशाने पर लेते हुए ओवैसी ने कहा, ''क्या मोदी सरकार सिर्फ एक मजहब की सरकार है? क्या मोदी सरकार सिर्फ हिन्दुत्व की सरकार है? क्या देश का कोई मजहब है? देश का कोई मजहब नहीं है... मुसलमानों को क्या पैगाम दे रहे हैं आप?''
'मैं बाबर, औरंगजेब या जिन्ना का प्रवक्ता नहीं हूं'
अयोध्या का जिक्र करते हुए ओवैसी ने कहा, ''मोदी सरकार सिर्फ एक मजहब की सरकार है? या पूरे देश के धर्मों को मानने वाली सरकार है? 22 जनवरी का जश्न मनाकर आप करोड़ों मुसलमानों को क्या मैसेज दे रहे हैं? क्या यह सरकार यह संदेश देना चाहती है कि एक धर्म ने दूसरे पर विजय प्राप्त की? आप देश के 17 करोड़ मुसलमानों को क्या संदेश देते हैं? 1992, 2019, 2022 में मुसलमानों को धोखा दिया, मैं बाबर, औरंगजेब , जिन्ना का प्रवक्ता नहीं हूं।'
'मैं राम की इज्जत करता हूं लेकिन नाथूराम से नफरत करता हूं'
ओवैसी ने आगे कहा, ''6 दिसंबर 1992 के बाद देश में फसाद हुआ था। नौजवानों को जेल में डाला गया और वो बूढ़े होकर बाहर निकले। मैं राम की इज्जत करता हूं लेकिन नाथूराम से नफरत करता हूं क्योंकि उसने उस व्यक्ति की हत्या की थी जिसके अंतिम शब्द 'हे राम' थे। ''
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