'1.15 करोड़ के मार्बल, 8 लाख का एक पर्दा', केजरीवाल ने सरकारी बंगले को सुंदर बनाने के लिए इतने करोड़ खर्च कर डाले?
बीजेपी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर उनके सरकारी बंगले के सौंदर्यीकरण पर 45 करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप लगाया है।
नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बंगले के रेनोवेशन पर हुए 45 करोड़ के खर्च का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कल दिल्ली बीजेपी के नेताओं ने जहां इस मामले में केजरीवाल को घेरने की वहीं आज बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने केजरीवाल पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि एक महाराज का सच सामना आ गया है। केजरीवाल ने बंगले के रेनोवेशन पर 45 करोड़ खर्च किए।
पर्दे, टाइल्स, किचन की अपनी कहानी-पात्रा
संबित पात्रा ने कहा 45 करोड़ रेनोवेशन में खर्च किए गये। इसमें पर्दे, टाइल्स, किचन की अपनी कहानी है। यें सब चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे हैं हम superior quality के है। संबित पात्रा ने कहा कि एक-एक पर्दा 8 लाख रुपए का है और 23 पर्दे लगाए गए। ये वही अरविंद केजरीवाल हैं जो गले में मफ़लर पहनते थे.. पुरानी कार में सफ़र करते थे। इनके नेता शपथ के दिन ऑटो में लटक कर आए थे। पता नहीं वो वैगन आर कार कहां है जिसमें बैठकर शपथ लेने आए थे। 1 करोड़ 15 लाख के मार्बल वियतनाम से मंगवाए गये थे। 4 करोड़ का प्री-फैब्रिकेटेड वुड लगाया गया है।
इससे पहले कल दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने एक बयान में कहा कि अरविंद केजरीवाल के बंगले के सौंदर्यीकरण पर 45 करोड़ खर्च किया है। उन्होंने कहा कि केजरीवा ने यह खर्च उस समय किया जब दिल्ली की जनता कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रही थी। सचदेवा ने कहा, केजरीवाल को अपने उस नैतिक अधिकार के बारे में दिल्ली के लोगों को जवाब देना चाहिए, जिसके तहत उन्होंने अपने बंगले के सौंदर्यीकरण पर लगभग 45 करोड़ रुपये खर्च किए, जब कोविड के दौर में अधिकांश सार्वजनिक विकास कार्य ठप थे। दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल की ''सादगी और ईमानदारी'' बेनकाब हो गई है।
केजरीवाल घर में नहीं, शीश महल में रहते हैं-सचदेवा
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह स्थापित हो गया है कि केजरीवाल एक घर में नहीं बल्कि एक शीश महल में रहते हैं और मुख्यमंत्री से नैतिक आधार पर इस्तीफा देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि सितंबर, 2020 से दिसंबर, 2021 तक 16 महीने की अवधि में कोविड चरम पर था, जब औद्योगिक गतिविधियां ठप थीं और दिल्ली सरकार का राजस्व आधे से भी कम हो गया था और सरकार ने धन की कमी का हवाला देते हुए विकास परियोजनाओं को रोक दिया था।
संवेदनहीनता का बड़ा सबूत -सचदेवा
सचदेवा ने आरोप लगाया, ‘उस नाजुक दौर में केजरीवाल ने अपने घर पर करीब 45 करोड़ रुपये उड़ाये, यह उनकी संवेदनहीनता का बड़ा सबूत है।’ वहीं इस खबर के सामने आने के बाद, कांग्रेस नेता अजय माकन ने भी केजरीवाल के लोक सेवक के रूप में अपने पद पर बने रहने के अधिकार पर सवाल उठाया। माकन ने कहा कि केजरीवाल ने कथित तौर पर अपने आलीशान बंगले पर सार्वजनिक धन के 45 करोड़ रुपये खर्च किए, जिसमें वियतनाम मार्बल, महंगे पर्दे और महंगे कालीन जैसी फालतू चीजें शामिल हैं। उन्होंने कहा कि अपनी पार्टी का नाम 'आम आदमी पार्टी' रखने और एक आम आदमी की तरह रहने की प्रतिज्ञा करने के बावजूद केजरीवाल ने अपने बंगले पर एक बड़ी राशि ऐसे समय खर्च की जब दिल्ली के लोगों को कोविड महामारी के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर की सख्त मांग थी।
केजरीवाल की ''सादगी और ईमानदारी'' बेनकाब- बिधूड़ी
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आरोप लगाया कि केजरीवाल की ''सादगी और ईमानदारी'' बेनकाब हो गई है और उन्हें तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए। आप के राज्यसभा सांसद चड्ढा ने हालांकि भाजपा के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, "यह सरकारी आवास है, यह अरविंद केजरीवाल की संपत्ति नहीं है।" चड्ढा ने कहा, ‘‘जब तक आप दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास की प्रधानमंत्री के आवास और अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों के आवासों के खर्च से तुलना नहीं करते हैं, तब तक आपको यह कैसे पता लगेगा कि यह कम है या अधिक?’’ उन्होंने दिल्ली में केजरीवाल के आधिकारिक आवास पर खर्च की गई राशि का बचाव करने के लिए प्रधानमंत्री और भाजपा शासित राज्यों में मुख्यमंत्रियों पर खर्च का भी हवाला दिया।
इनपुट-भाषा