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Hindi News भारत राजनीति केजरीवाल से मुलाकात के बाद ममता का बड़ा बयान, 'केंद्र का अध्यादेश गलत, गैर बीजेपी पार्टियां एक साथ आएं'

केजरीवाल से मुलाकात के बाद ममता का बड़ा बयान, 'केंद्र का अध्यादेश गलत, गैर बीजेपी पार्टियां एक साथ आएं'

ममता बनर्जी से केजरीवाल मुलाकात को भी इसी कड़ी का अहम हिस्सा माना जा रहा है। क्योंकि ममता को मोदी विरोधी मोर्चे में शामिल करना इस खेमे की एक बड़ी सफलता मानी जाएगी।

अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी की मुलाकात- India TV Hindi Image Source : ANI अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी की मुलाकात

कोलकाता: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और प. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद ममता ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने दिल्ली को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश का विरोध किया है और सभी गैर बीजेपी दलों से राज्यसभा में इस अध्यादेश का विरोध करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर राज्यसभा में अध्यादेश गिरा तो यह 2024 का सेमीफाइनल होगा। 

बीजेपी ने लोकतंत्र का मजाक बना दिया -ममता

ममता बनर्जी ने कहा-सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी केंद्र सरकार जो दिल्ली सरकार के खिलाफ अध्यादेश लेकर आई है उसका हम विरोध करेंगे और मैं सभी पार्टियों को भी इसपर साथ आने का आग्रह करती हूं। ममता बनर्जी ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने लोकतंत्र का मजाक बना दिया है। साथ ही ममता ने यह भी आरोप लगाया कि विपक्षी सरकारों को तोड़ने के लिए बीजेपी सीबीआई, ईडी का इस्तेमाल करती है। ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी एक दिन देश का नाम भी बदल देगी। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छा अवसर है कि सभी दिल एकजुट हो कर केंद्र के अध्यादेश को राज्यसभा में पास नहीं होने दें। 

दिल्ली में जनतंत्र के खिलाफ काम किया-केजरीवाल

इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने पंजाब, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु में देखा कि राज्यपाल कैसे सरकार को तंग कर रहे हैं। दिल्ली में इन्होंने जो किया वह जनतंत्र के खिलाफ है। देश की जनता को इस अहंकारी सरकार को हटाना चाहिए। मैं दीदी का धन्यवाद करूंगा कि राज्यसभा में इन्होंने कहा कि वे हमारा समर्थन करेंगी। 

केजरी-ममता मुलाकात के मायने

दरअसल, दिल्ली में एलजी के साथ अधिकार के मुद्दे पर चल रही केजरीवाल की लड़ाई सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बहुत हद तक उनके पक्ष में चली गई थी लेकिन केंद्र के अध्यादेश के बाद एक बार फिर अरविंद केजरीवाल को अपनी हार नजर आ रही है। केंद्र के साथ चल रही इस रस्साकशी में वे कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहते हैं। वहीं 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के अपने एजेंडे को भी अमलीजामा पहनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। ममता बनर्जी से केजरीवाल मुलाकात को भी इसी कड़ी का अहम हिस्सा माना जा रहा है। क्योंकि ममता को मोदी विरोधी मोर्चे में शामिल करना इस खेमे की एक बड़ी सफलता मानी जाएगी। 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मोदी के विरोध में सारे विपक्षी दल को एकजुट करने की बात कह चुके हैं लेकिन इसमें अभी तक कोई आशातीत सफलता नहीं मिली है। वहीं ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी को सीबीआई का समन मिलने के बाद ममता काफी बिफर पड़ी थीं और उन्होंने बीजेपी को केंद्र की सत्ता से उखाड़ने की बात कही थी। ममता के इस बयान के बाद मोदी विरोधी खेमे को एकजुट करने के प्रयास को आशा की एक किरण नजर आई। माना जा रहा है कि ममता को भी इस खेमे से जोड़ने की कोशिश के तहत अरविंद केजरीवाल ने उनसे मुलाकात की। केजरीवाल को जहां एक ओर अध्यादेश पर ममता का साथ मिला वहीं दूसरी ओर 2024 की लड़ाई की आधारभूमि भी मजबूत होने के आसार हैं।

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