ईटानगर: भारतीय जनता पार्टी ने मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश में 28 असंतुष्ट पार्टी नेताओं को निष्कासित कर दिया। इन नेताओं ने टिकट से इनकार किए जाने के बाद 19 अप्रैल को पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ विधानसभा चुनाव लड़ा था। भारतीय जनता पार्टी की राज्य ईकाई द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, तार तारक की अध्यक्षता वाली बीजेपी की राज्य अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति ने कहा कि नेताओं को 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है। अब निष्कासित नेताओं ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP), नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP), पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल और स्वतंत्र उम्मीदवारों के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था।
निर्विरोध चुने गए थे BJP के 10 उम्मीदवार
बता दें कि NPP का नेतृत्व मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा कर रहे हैं। सत्तारूढ़ बीजेपी ने अरुणाचल प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर 60 उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से 10 निर्विरोध चुने गए। बिना किसी मुकाबले के जीतने वाले प्रमुख नेताओं में मुख्यमंत्री पेमा खांडू, उपमुख्यमंत्री चौना मीन, तेची कासो, जिक्के ताको, न्यातो डुकम, मुच्चू मिथि और दासांगलू पुल समेत अन्य शामिल हैं। बीजेपी शासित राज्य में विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ पहले चरण में 19 अप्रैल को हुए थे। विधानसभा चुनाव के नतीजे 2 जून को घोषित किए जाएंगे, जबकि लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे।
2019 में मात्र 4 सीटों पर सिमट गई थी कांग्रेस
2019 में हुए विधानसभा चुनावों की बात करें तो बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 60 में से 41 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं, 2014 के चुनावों में 42 सीटें जीतने वाली कांग्रेस 2019 में मात्र 4 सीटों पर सिमट गई। 2019 में सीटों के मामले में दूसरे नंबर पर जेडीयू रही जिसने 15 सीटों पर चुनाव लड़कर 7 सीटों पर अपना परचम लहराया था। यह पहला मौका था जब JDU ने अरुणाचल प्रदेश में किसी विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की थी। इसके अलावा नेशनल पीपुल्स पार्टी ने 5 और पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल ने एक सीट पर जीत दर्ज की थी।
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