बेंगलुरु: चामराजनगर में किसानों द्वारा कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को दिये गये आवेदन कथित तौर पर कूड़े के ढ़ेर के पास मिले हैं, जिस पर कृषक संगठनों और विपक्षी भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। दस जुलाई को सिद्धरमैया की चामराजनगर यात्रा के दौरान उन्हें ये आवेदन कथित रूप से दिये गये थे। उस दिन वहां कांग्रेस ने लोकसभा सीट जीतने के बाद धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम आयोजित किया था। कूड़े के ढ़ेर में फेंके गये आवेदनों के वीडियो सोशल मीडिया मंचों पर व्यापक रूप से साझा किए गए हैं।
10 जुलाई को सिद्धरमैया ने चामराजनगर का किया था दौरा
एक किसान नेता के अनुसार 10 जुलाई को सिद्धरमैया चामराजनगर में एक बैठक में भाग लेने आए थे, जहां किसान संगठनों ने पूरे जिले की ओर से उन्हें अपनी समस्याओं के बारे में आवेदन सौंपे थे। उन्होंने कहा, ‘‘ लेकिन उन आवेदनों को कूड़े में फेंक दिया गया। एक मुख्यमंत्री में इतना अहंकार नहीं होना चाहिए। उन्हें राज्य के किसानों से माफी मांगनी चाहिए।’’
सीएम को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने इस मामले को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस की आलोचना करते हुए सिद्धरमैया से इस घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेने की अपील की। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ इस उम्मीद के साथ कि मुख्यमंत्री उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे, लोग दूर-दूर से आते हैं, कतार में खड़े होकर अपना आवेदन देते हैं। लेकिन, उन आवेदनों पर गौर करने से पहले ही वे कूड़े में पहुंच गये। यह कांग्रेस सरकार की जनता की शिकायतों और चिंताओं के प्रति बेशर्मी को दर्शाता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसके लिए चाहे कोई भी जिम्मेदार हो, लेकिन मुख्यमंत्री को इसकी नैतिक जिम्मेदारी लेनी होगी और उन्हें लोगों को जवाब देना चाहिए। जनता दर्शन का नाटक क्यों किया जा रहा है?’’
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