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विधायक के सीने पर बैठकर मारने की कोशिश का आरोप, जगन रेड्डी और दो IPS के खिलाफ केस

आंध्र प्रदेश पुलिस ने टीडीपी विधायक की शिकायत पर राज्य के पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी और दो IPS अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। विधायक ने हत्या की कोशिश का आरोप लगाया है।

जगन मोहन रेड्डी।- India TV Hindi Image Source : PTI जगन मोहन रेड्डी।

हाल ही में हुए लोकसभा और विधानसभा चुनावों में आंध्र प्रदेश में टीडीपी, भाजपा और जनसेना गठबंधन को बड़ी जीत मिली है। निराशाजनक प्रदर्शन के बाद जगन मोहन रेड्डी की सीएम पद से विदाई हो गई। हालांकि, इसके बाद भी जगन रेड्डी की मुसीबतें कम नहीं हुई है। अब एक टीडीपी विधायक ने आरोप लगाया है कि उनकी हत्या की कोशिश हुई थी और इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी और दो आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। आइए जानते हैं इस पूरे मामले के बारे में।

टीडीपी के विधायक ने दर्ज कराई शिकायत

दरअसल, आंध्र प्रदेश पुलिस ने राज्य के उंडी विधायक रघुराम कृष्णम राजू की शिकायत के आधार पर आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी और दो आईपीएस अधिकारियों पीवी सुनील कुमार और पीएसआर अंजनेयुलु के खिलाफ मामला दर्ज किया है। रघुराम कृष्णम राजू ने ये शिकायत गुंटूर के पुलिस अधीक्षक के पास दर्ज कराई है और हत्या की कोशिश का आरोप लगाया है। 

क्या है विधायक आरोप?

गुंटूर के पुलिस अधीक्षक के पास दर्ज कराई गई शिकायत में उंडी विधायक रघुराम कृष्णम राजू ने कहा है कि कुछ पुलिस अधिकारी पीवी सुनील कुमार आईपीएस, सीआईडी ​​के तत्कालीन महानिदेशक के साथ, सीतारामनजनेयुलु आईपीएस और अन्य पुलिस अधीनस्थ सीआईडी ​​कार्यालय में आए और उन्हें रबर बेल्ट और लाठी से पीटा। यहां तक ​​​​कि आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी के प्रभाव से उनके दिल की बीमारी के संबंध में दवा लेने की भी अनुमति नहीं दी। 

सीने पर बैठकर मारने का आरोप

विधायक रघुराम कृष्णम राजू ने आरोप लगाया है कि सभी अच्छी तरह से जानते थे कि उनके दिल की बाईपास सर्जरी हुई है। हालांकि, फिर भी कुछ लोग उनके सीने पर बैठ गए और दबाव डाला और इस तरह उन्हें मारने का प्रयास किया। इस बीच विधायक का फोन भी ले लिया गया और उन्हें तब तक पीटा गया जब तक उन्होंने उस फोन का पासवर्ड नहीं बता दिया। बाद में उन्हें सरकारी जनरल अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। यहां उनका इलाज करने वाली डॉक्टर प्रभावती ने पुलिस अधिकारियों के कहने पर झूठे मेडिकल प्रमाण पत्र जारी किए।

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