नई दिल्ली: दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग और एलजी के अधिकारों को लेकर केंद्र और राज्य के बीच जारी तनातनी के बीच बीजेपी के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने अरविंद केजरीवाल पर पलटवार करते हुए कहा कि जिस संविधान की शपथ लेकर वे मुख्यमंत्री बने हैं उसी को तार-तार कर रहे हैं। उनके स्वभाव में अराजकता आ गई है। जो शक्ति संविधान के तहत केंद्र के पास है उसी के तहत अध्यादेश लाया गया है।
गौरव भाटिया ने कहा - कट्टर बेईमानी क्या होती है? कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट में छुट्टी हो गई तब अध्यादेश लाया गया है। क्या सुप्रीम कोर्ट में छुट्टी नही होती है। गौरव भाटिया ने कहा-केजरीवाल अपने अधिवक्ता से सुप्रीम कोर्टमें अर्जी लगाएं, दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। दिल्ली का जो महत्व आम जनता और देश के लिए है उसी को ध्यान में रखते हुए अध्यादेश लाया गया है।
इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अधिकारियों के तबादले और नियुक्ति से संबंधित केंद्र के अध्यादेश को असंवैधानिक और लोकतंत्र के खिलाफ बताया था और यह कहा था कि आम आदमी पार्टी की सरकार सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती देगी। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र ने सेवाओं के मामले पर नियंत्रण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के साथ सीधे टकराव की स्थिति पैदा कर दी है, क्योंकि यह अध्यादेश दिल्ली में चुनी हुई सरकार को सेवाओं के मामले में नियंत्रण देने वाले उसके फैसले को पलटता है।
उन्होंने संवाददाता सम्मेलन में कहा, सेवाओं के मामले में केंद्र का अध्यादेश असंवैधानिक और लोकतंत्र के खिलाफ है। हम इसके खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। सुप्रीम कोर्ट में छुट्टियां हो रही थीं और कोर्ट के बंद होने के कुछ ही घंटों बाद शीर्ष अदालत के फैसले को पलटने के लिए केंद्र ने अध्यादेश जारी कर दिया। उन्होंने कहा कि यह शीर्ष अदालत की सीधी अवमानना है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार, ‘आप’ सरकार के काम में बाधा डालना चाहती है।
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