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Hindi News भारत राजनीति महाराष्ट्र में गरजे अमित शाह, शिवसेना प्रकरण और उद्धव ठाकरे पर भी ली चुटकी

महाराष्ट्र में गरजे अमित शाह, शिवसेना प्रकरण और उद्धव ठाकरे पर भी ली चुटकी

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 2014 से 2022 का कालखंड का जब कभी भी भारत की चुनी हुई सरकारों का इतिहास लिखा जाएगा तो स्वर्णमयी अक्षरों से लिखा जाएगा।

Amit Shah- India TV Hindi Image Source : FILE अमित शाह

पुणे: महाराष्ट्र दौरे पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुणे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लिखी गई किताब मोदी @20 किताब का मराठी संस्करण लॉन्च किया। इस दौरान गृह मंत्री ने कई विषयों को लेकर अपनी बात रखी। उन्होंने विपक्ष पर हमला भी बोला तो शिवसेना प्रकरण को लेकर चुटकी भी ली। उन्होंने मोदी सरकार की तारीफ़ की तो पिछली यूपीए सरकार पर तीखा हमला भी बोला। अमित शाह ने कहा कि 2014 से 2022 का कालखंड का जब कभी भी भारत की चुनी हुई सरकारों का इतिहास लिखा जाएगा तो स्वर्णमयी अक्षरों से लिखा जाएगा। 

चुनाव आयोग ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया -  अमित शाह 

उन्होंने कहा कि कल एकनाथ शिंदे की शिवसेना को असली शिवसेना और धनुष बाण दोनों मिल गए। जो लोग झूठ के आधार पर हुंकार भरते थे उन लोगों को आज मालूम पड़ गया है कि सत्य किसके साथ है? इसी प्रकरण पर बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि कल चुनाव आयोग ने दूध का दूध पानी का पानी कर दिया। उन्होंने कहा कि  आज पुणे के कार्यकर्ताओं को एक संकल्प करके जाना है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की सभी सीटें शिवसेना और BJP के खाते में आएंगे। 

UPA सरकार में हर मंत्री खुद को प्रधानमंत्री मानता था - अमित शाह 

यूपीए सरकार और उसकी कार्यप्रणाली पर हमला बोलते हुए गृह मंत्री ने कहा कि UPA सरकार ऐसी सरकार थी जिसमें हर मंत्री अपने आपको प्रधानमंत्री मानता था और कोई मंत्री प्रधानमंत्री को प्रधानमंत्री नहीं मानते थे। उस समय आए दिन पाकिस्तान से घुसपैठिए घुसकर हमारे जवानों के सर काटकर ले जाते थे और दिल्ली के दरबार में चुप्पी छाई रहती थी। 

पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का नहीं होता था सम्मान - गृह मंत्री 

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर तीखा हमला बोलते हुए गृह मंत्री ने कहा कि उस दौरान विदेशों में प्रधानमंत्री का सम्मान नहीं होता था और देश का सम्मान सबसे कम होता था। पीएम जब विदेश जाते थे तो वे लिए लिखे गए भाषणों को पढ़ते थे। वे कभी सिंगापुर में थाईलैंड का भाषण पढ़ते थे तो कभी सिंगापुर में थाईलैंड का भाषण पढ़ते थे। इससे देश का अपमान होता था। 

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