नयी दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वाम दलों पर हमला बोलते हुए शुक्रवार को कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ हिंसा फैलाना कम्युनिस्टों का इतिहास रहा है। त्रिपुरा के स्थापना दिवस पर वीडियो कॉन्फ्रेंस से एक समारोह को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि राज्य में 2018 में सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने शांति बहाल की है और समाज के सभी वर्गों का सर्वांगीण विकास किया है।
‘कम्युनिस्ट शासन के दौरान कई बीजेपी कार्यकर्ता मारे गए’
अमित शाह ने कहा, ‘राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ हिंसा कम्युनिस्टों का इतिहास रहा है। त्रिपुरा में कम्युनिस्ट शासन के दौरान अनेक भाजपा कार्यकर्ता मारे गये, कई घर तबाह कर दिये गये और त्रिपुरा में कम्युनिस्ट शासन के दौरान हमारे अनेक कार्यकर्ता सालों तक घर नहीं जा सके।’ गृह मंत्री ने कहा कि बीजेपी के अनेक कार्यकर्ताओं के बलिदान और समर्पण की वजह से पार्टी त्रिपुरा में वाम मोर्चा की सरकार को हटाकर सत्ता में आई थी।
त्रिपुरा में बिप्लब देब की अगुवाई में बनी बीजेपी की सरकार
त्रिपुरा में 1978 से 1988 तक और फिर 1993 से 2018 तक वाम मोर्चा की सरकार रही। 2018 में बिप्लब देब के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी। बीजेपी पहले कई बार केरल में भी अपने अनेक कार्यकर्ताओं की हत्या का दावा कर चुकी है जो एक और वाम दल शासित प्रदेश है। शाह ने त्रिपुरा सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति में आमूल-चूल सुधार हुआ है, संपर्क मार्ग सुधरा है वहीं किसानों की आय दोगुनी हुई है।
‘प्रति व्यक्ति आय तीन साल में 30 प्रतिशत बढ़ गयी’
केंद्रीय गृह मंत्री ने मादक पदार्थों की समस्या को समाप्त करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाये गये कदमों की प्रशंसा की और कहा कि नशीले पदार्थों पर प्रतिबंध लगाने से आदिवासी समुदाय को सबसे अधिक लाभ मिला है। गृह मंत्री ने कहा कि त्रिपुरा के निवासियों की प्रति व्यक्ति आय 3 साल में 30 प्रतिशत बढ़ गयी है और 2017 में एक लाख रुपये से बढ़कर 2020 में 1.30 लाख रुपये हो गई है।
‘4 साल में 100 से अधिक कंपनियां त्रिपुरा आईं’
शाह ने कहा कि पिछले 4 साल में 100 से अधिक कंपनियां त्रिपुरा आई हैं और उन्होंने 2,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सात साल में शुरुआत से पूर्वोत्तर और दिल्ली के बीच की दूरी कम करने का प्रयास किया है और सुनिश्चित किया है कि कम से कम एक केंद्रीय मंत्री हर पखवाड़े क्षेत्र में दौरा करें।
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