'सांप्रदायिक और विभाजनकारी हैं ममता बनर्जी, इमामों को हर महीने 3 हजार और पुरोहितों को केवल 1500 का भुगतान', अमित मालवीय ने किया बड़ा हमला
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी को सांप्रदायिक और विभाजनकारी कहा है। उन्होंने ट्विटर पर ममता पर जमकर निशाना साधा है।
नई दिल्ली: बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा, 'ममता बनर्जी खुलेआम सांप्रदायिक और विभाजनकारी हैं। कल पश्चिम बंगाल में मुस्लिम मौलवियों के एक सम्मेलन में उन्होंने इमामों और मुअज्जिन के पारिश्रमिक में 500 रुपये की बढ़ोतरी की घोषणा की। बाद में उन्होंने कुछ सोचते हुए पुरोहितों को भी शामिल किया।'
अमित ने कहा, 'लेकिन पेच यहीं पर है। इमामों को प्रति माह 3,000 का भुगतान किया जाता है, जबकि पुरोहितों को केवल 1,500 का भुगतान किया जाता है, बिल्कुल आधा! इसी तरह, उनके पास राज्य सरकार के कर्मचारियों को डीए का भुगतान करने के लिए भी पैसे नहीं हैं। वे अब सबसे लंबे समय से विरोध कर रहे हैं। 500 की रकम उनके वोट बैंक को मजबूत करने की एक निराशाजनक कोशिश के अलावा और कुछ नहीं है।' अमित ने कहा, 'राज्य की वित्त व्यवस्था चरमरा रही है और ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल को अंधकार में धकेलने के लिए हर संभव कोशिश कर रही हैं।'
राजेश पायलट पर भी साधा था निशाना
इससे पहले अमित मालवीय उस समय सुर्खियों में आ गए थे, जब उन्होंने हालही में कांग्रेस विधायक सचिन पायलट के पिता राजेश पायलट को लेकर ट्वीट किया था। अमित ने लिखा था, 'राजेश पायलट और सुरेश कलमाड़ी भारतीय वायुसेना के उन विमानों को उड़ा रहे थे, जिन्होंने 5 मार्च 1966 को मिज़ोरम की राजधानी आइज़वाल पर बम गिराए। बाद में दोनों कांग्रेस के टिकट पर सांसद और सरकार में मंत्री भी बने। स्पष्ट है कि नार्थ ईस्ट में अपने ही लोगों पर हवाई हमला करने वालों को इंदिरा गांधी ने बतौर इनाम राजनीति में जगह दी, सम्मान दिया।'
सचिन पायलट ने भी किया था पलटवार
अमित मालवीय के ट्वीट पर जवाब देते हुए सचिन पायलट ने भी ट्वीट किया था। उन्होंने कहा था कि आपके पास गलत तारीखें और तथ्य हैं। भारतीय वायुसेना के पायलट के रूप में मेरे दिवंगत पिता ने बम गिराए थे, लेकिन वो बम 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान पर गिराए थे। उन्होंने मिजोरम पर बम नहीं गिराया, जैसा आप दावा कर रहे हैं।
सचिन ने आगे लिखा- मेरे पिता को 29 अक्टूबर 1966 को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। मेरे पिता ने 80 के दशक में एक राजनेता के रूप में मिज़ोरम में युद्ध विराम करवाने और स्थाई शांति संधि स्थापित करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका ज़रूर निभाई थी। इस ट्वीट के साथ सचिन पायलट ने एक सर्टिफिकेट भी शेयर किया है। उस सर्टिफिकेट के मुताबिक राजेश पायलट को 29 अक्टूबर 1966 को भारतीय वायु सेना में नियुक्त किया गया था।