बेंगलुरु: कर्नाटक में सत्ता में आने के दो महीने के अंदर ही कांग्रेस के अंदर असंतोष पनपने की खबरों के बीच मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने गुरुवार को बेंगलुरू में पार्टी विधायक दल की बैठक की अध्यक्षता की। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैठक में विधायकों और मंत्रियों ने अपने विचार प्रकट किये और अपना-अपना रुख सामने रखा। विधायकों और मंत्रियों की बातें सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने उनसे अपनी शिकायतें सीधे उन्हें बताने तथा पार्टी के मंच पर चर्चा करने की सलाह दी। बता दें कि हाल ही में कुछ ऐसी खबरें आई थीं जिनसे कांग्रेस नेतृत्व के माथे पर चिंता की लकीरें जरूर खिंच गई होंगी।
30 विधायकों ने जताई थी नाराजगी
सिद्धारमैया द्वारा ली गई यह बैठक इस मायने से अहम है कि यह ऐसे समय हुई है जब खबर है कि 30 विधायकों ने सिद्धरमैया एवं पार्टी नेतृत्व को पत्र लिखकर अपने निर्वाचन क्षेत्रों में विकास काम नहीं होने को लेकर चिंता प्रकट की है। बताया जाता है कि विधायक नाराज हैं और उनकी शिकायत है कि वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों में काम नहीं करवा पाते हैं और उनके अनुरोध के हिसाब से (सरकारी कर्मियों के) तबादले नहीं होते हैं। उन्होंने मंत्रियों को लेकर खासकर उनके असहयोगात्मक रवैये को लेकर अपनी नाखुशी प्रकट की है।
हरिप्रसाद के बयान से मचा था हड़कंप
हाल ही में पार्टी के वरिष्ठ नेता और विधान परिषद सदस्य बी. के. हरिप्रसाद ने बयान दिया था कि उन्हें पता है कि ‘कैसे मुख्यमंत्री बनाया और हटाया जाता है।’ उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार ने दावा किया कि सरकार को गिराने के लिए सिंगापुर में साजिश रची जा रही है। इन सारी बातों ने तमाम तरह की अटकलों को जन्म दिया और ये इस बात का संकेत है कि कांग्रेस में सबकुछ ठीकठाक नहीं है। हालांकि सिद्धरमैया और शिवकुमार ने कहा कि पार्टी में कोई असंतोष नहीं है और विधायकों से उन्हें जो पत्र मिला है वे विधायक दल की बैठक बुलाने के लिए थे न कि शिकायत करने के लिए। (भाषा)
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