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यूपी के चुनावी महाभारत में तेज हुए मोदी और अखिलेश के शब्दबाण, एक दूसरे पर साध रहे निशाना

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोबारा सत्ता पाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है। जहां एक ओर रथ यात्रा के माध्यम से जनता के बीच अपनी उपलब्धि पहुंचाने में लगी है, वहीं दूसरी प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी विकास की योजनाओं का धड़ाधड़ शिलान्यास करके अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने में लगे हुए है।

<p>यूपी के चुनावी...- India TV Hindi Image Source : FILE PHOTO यूपी के चुनावी महाभारत में तेज हुए मोदी और अखिलेश के शब्दबाण

Highlights

  • भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोबारा सत्ता पाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है
  • प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी विकास की योजनाओं का धड़ाधड़ शिलान्यास करके अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने में लगे हुए है
  • प्रधानमंत्री मोदी लगातार सपा पर निशाना साध रहे हैं

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूपी में जनसभा कर लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। उसी दिन समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भी यात्राओं और जनसभाओं के जरिए पलटवार कर रहे हैं। मोदी जहां अपने मंच से विपक्षी पार्टियों पर निषाना साध रहे हैं, वहीं अखिलेश यादव भी सत्तारूढ़ दल की खामियां बताकर शब्दबाण मारने में पीछे नहीं है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दोबारा सत्ता पाने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है। जहां एक ओर रथ यात्रा के माध्यम से जनता के बीच अपनी उपलब्धि पहुंचाने में लगी है, वहीं दूसरी प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी विकास की योजनाओं का धड़ाधड़ शिलान्यास करके अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने में लगे हुए है।

प्रधानमंत्री मोदी लगातार सपा पर निशाना साध रहे हैं। इसका तोड़ ढूढ़ते हुए अखिलेश यादव ने भी जिस तिथि को प्रधानमंत्री की रैली हो रही है, उसी तिथि पर वह भी अपनी रथयात्रा निकाल रहे है। भीड़ दिखाने की होड़ मची हुई है।

प्रधानमंत्री पूर्वांचल के कुशीनगर में जब एअरपोर्ट की सौगात जनता को दे रहे थे, तो वहीं अखिलेश यादव ओमप्रकाश राजभर के साथ गठबंधन कर यूपी की सत्ता में काबिज होंने की तैयारी कर रहे थे।

25 अक्टूबर को जब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री सिद्धार्थनगर में मेडिकल कॉलेजों का शिलान्यास कर रहे थे, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव बसपा से निष्कासित लालजी वर्मा और रामअचल राजभर को पार्टी में शामिल कराकर आगे की रणनीति बना रहे थे। 16 नवम्बर को जब प्रधानमंत्री पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन कर रहे थे। वह भी गाजीपुर से यात्रा निकालना चाह रहे थे, लेकिन इजाजत नहीं मिली। फिर उन्होंने अगले दिन यात्रा निकाली थी।

25 नवंबर मोदी ने नोएडा में जेवर एयरपोर्ट का शिलान्यास किया, अखिलेश यादव उसी वक्त लखनऊ में जनवादी क्रांति पार्टी की रैली में आगे का खाका तैयार कर रहे थे। सात दिसम्बर को जब प्रधानमंत्री खाद कारखाने का और एम्स का लोकार्पण कर रहे थे, तो अखिलेश और जयंत ने मेरठ में सयुंक्त रैली करके गठबंधन की गांठे मजबूत करने में जुटे थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 21 दिसम्बर को प्रयागराज स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को सौगात दे रहे थे। तब अखिलेश यादव अपने गढ़ मैनपुरी एटा में विजय यात्रा के साथ जनसभा कर रहे थे। अब 23 दिसम्बर को प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र वााराणसी पहुंचेंगे। इस दौरान काशी को अमूल प्लांट समेत 2095.67 करोड़ की सौगात देंगे। जनसभा को भी संबोधित करेंगे जिसमें किसानों की अधिक भागीदारी होगी। बनारस से ही देश भर के लिए डेरी मार्क भी लांच करेंगे। वहीं किसान दिवस यानी पूर्व प्रधानमंत्री स्व. चौधरी चरण सिंह की जयंती पर 23 दिसंबर को सपा प्रमुख अखिलेश यादव और रालोद मुखिया चौधरी जयंत सिंह अलीगढ़ के इगलास में मंच साझा कर अपनी ताकत दिखाएंगे। 28 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेट्रो का लोकार्पण करेंगे। पहले यात्री बनकर आईआईटी से गीता नगर तक सफर भी करेंगे। वहीं अखिलेश यादव इसी दिन उन्नाव में समाजवादी विजय यात्रा के अगले चरण को आगे बढ़ाएंगे।

वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पीएन द्विवेदी कहते हैं कि चुनावी माहौल है इस चुनाव में जो दल सीधे एक दूसरे के टक्कर में होते हैं। उसके प्रमुख नेता एक दूसरे पर वार पलटवार करते हैं। यह एक चुनावी समीकरण की स्वाभाविक प्रक्रिया है।

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