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Hindi News भारत राजनीति ओवैसी की सांसदी पर खतरा? राष्ट्रपति मुर्मू को भेजे गए पत्र में क्या तर्क दिए गए, जानिए

ओवैसी की सांसदी पर खतरा? राष्ट्रपति मुर्मू को भेजे गए पत्र में क्या तर्क दिए गए, जानिए

वकील हरि शंकर जैन ने 25 जून को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने वाले हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी को अयोग्य घोषित करने की मांग की है।

मुश्किल में असदुद्दीन ओवैसी।- India TV Hindi Image Source : PTI मुश्किल में असदुद्दीन ओवैसी।

हैदराबाद लोकसभा सीट से सांसद और AIMIM पार्टी के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी द्वारा संसद भवन में फिलिस्तीन के समर्थन में नारेबाजी का मामला तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। वरिष्ठ वकील हरि शंकर जैन ने ओवैसी के खिलाफ राष्ट्रपति राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर औवैसी को अयोग्य घोषित करने का आग्रह किया है। आपको बता दें कि ओवैसी ने लोकसभा में शपथ लेते वक्त 'जय फिलिस्तीन' भी कह दिया था जिसके बाद हंगामा खड़ा हो गया है। आइए जानते हैं कि राष्ट्रपति को भेजे गए पत्र में क्या सब कहा गया है। 

शिकायत में क्या कहा गया?

वकील हरि शंकर जैन ने 25 जून को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने वाले हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी को अयोग्य घोषित करने की मांग की है। उन्होंने इस मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भारत के संविधान के अनुच्छेद 102 और 103 के तहत शिकायत की है। आइए जानते हैं इस शिकायत की प्रमुख बातें

  • असदुद्दीन ओवैसी ने शपथ लेने के तुरंत बाद मंच से जय फ़िलिस्तीन का नारा लगाया।
  • पत्र में कहा गया है कि फ़िलिस्तीन एक विदेशी राज्य है और भारत का कोई भी नागरिक उस राज्य के प्रति निष्ठा का पालन नहीं कर सकता।
  • पत्र में कहा गया है कि भारत के संविधान का अनुच्छेद 102 किसी भी व्यक्ति के लिए संसद के किसी भी सदन के सदस्य के रूप में चुने जाने और होने के लिए अयोग्यता का प्रावधान करता है, यदि वह किसी विदेशी राज्य के प्रति निष्ठा या पालन की स्वीकृति के अधीन है।
  • शिकायत के अनुसार, असदुद्दीन ओवैसी ने शपथ लेने के तुरंत बाद यह दिखाने के लिए नारा लगाया कि वह उस राज्य के प्रति निष्ठा रखते हैं। ये बेहद गंभीर मामला है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है।
  • भारत की संप्रभुता और अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए संविधान का अनुच्छेद 102 1(D) किसी शख्स को संसद का सदस्य बनने से रोकता है अगर वह व्यक्ति किसी विदेशी राज्य के प्रति निष्ठा रखता हो। 
  • पत्र में ये भा कहा गया है कि ओवैसी द्वारा संसद में दिया गया नारा देश की सुरक्षा, संप्रभुता और अखंडताके लिए खतरा है। यह बेहद गंभीर मुद्दा है जिस पर तत्काल ध्यान देने और उचित कार्रवाई की आवश्यकता है।

चुनाव आयोग की राय लेने की भी अपील

राष्ट्रपति को लिखे गए पत्र में मांग की गई है कि असदुद्दीन ओवैसी को एक विदेशी राज्य के प्रति निष्ठा रखने और जय फिलिस्तीन का नारा लगाने के लिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 102 1 (डी) के तहत अयोग्य घोषित किया जाए। इसके साथ ही संविधान के अनुच्छेद 103 के तहत ओवैसी की अयोग्यता के संबंध में भारत के चुनाव आयोग की राय पर विचार करने की भी मांग की गई है। 

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