देहरादून: प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत द्वारा विधानसभा चुनाव में टिकट बेचने के आरोपों से आहत कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने मंगलवार को कहा कि ‘मुझे पार्टी से निष्कासित कर दें।’ हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में प्रदेश पार्टी अभियान समिति के अध्यक्ष रहे रावत ने कहा कि वह पार्टी की हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद से पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं।
विधानसभा चुनावों में टिकट बेचने के आरोप को 'अत्यधिक गंभीर' बताते हुए रावत ने कहा, ‘‘यदि यह आरोप एक ऐसे व्यक्ति पर लगाया जा रहा हो, जो मुख्यमंत्री रहा है, जो पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष रहा है, जो पार्टी का महासचिव रहा है और कांग्रेस कार्यसमिति का सदस्य है और आरोप लगाने वाला व्यक्ति भी गंभीर (महत्वपूर्ण) पद पर आसीन व्यक्ति हो तो कांग्रेस पार्टी मेरे ऊपर लगे इस आरोप के आलोक में मुझे पार्टी से निष्कासित करे।’’
रावत ने यहां एक फेसबुक पोस्ट में होली के त्योहार को बुराइयों के शमन का उचित उत्सव बताते हुए कहा कि कांग्रेस को होलिका दहन में हरीश रावत रूपी बुराई का भी दहन कर देना चाहिए। करीबी से विरोधी बने रणजीत रावत ने सोमवार को पूर्व मुख्यमंत्री पर पार्टी टिकट बेचने का आरोप लगाया था।
हरीश रावत और रणजीत रावत दोनों को ही 14 फरवरी को हाल में हुए विधानसभा चुनावों में लालकुआं और सल्ट सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस ने हरीश रावत को पहले रामनगर सीट से टिकट दिया था लेकिन बाद में रणजीत रावत के विरोध के बाद उन्हें लालकुआं सीट से चुनावी समर में उतारा गया।
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