निलंबन के बाद राघव चड्ढा ने ट्विटर पर बदला बायो, खुद को बताया- सस्पेंडेड सांसद
राघव चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन से निलंबित कर दिया था। संसद की विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबन जारी रहेगा।
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा राज्यसभा से निलंबित हो चुके हैं। शुक्रवार को राज्यसभा की विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक सांसद राघव चड्ढा को सदन से निलंबित किया गया है। चड्ढा पर नियमों के घोर उल्लंघन, कदाचार, अपमानजनक रवैये और अवमाननापूर्ण आचरण करने का आरोप है। निलंबन के बाद अब राघव चड्ढा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर अपना बायो चेंज कर लिया है।
सस्पेंडेड सांसद
राघव चड्ढा ने सोशल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अपना बायो चेंज कर के सस्पेंडेड सांसद रख दिया है। इससे पहले राघव चड्ढा के बायो में केवल सांसद ही लिखा था। राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा प्रस्ताव पेश करने के बाद राघव चड्ढा को सदन से निलंबित कर दिया था।
ये है आरोप
राज्यसभा में 7 अगस्त को दिल्ली सर्विस बिल पास किया गया था। सदन की कार्यवाही के दौरान AAP सांसद राघव चड्ढा ने इस बिल को सिलेक्ट कमेट के पास भेजना का प्रस्ताव भेजा। उन्होंने इस कमेटी के लिए कुछ सांसदों के नामों का भी प्रस्ताव दिया। हालांकि, प्रस्तावित किए गए सदस्यों में से 5 सांसदों ने कहा कि राघव चड्ढा ने बिना उनकी सहमति के उनका नाम लिया जो कि सही नही हैं। सभी सांसदों ने इस पर अपनी शिकायत भी दर्ज कराई।
फर्जी हस्ताक्षर का मामला?
सदन की कार्यवाही के दौरान दावा किया गया कि राघव चड्ढा द्वारा दिए गए प्रस्ताव पर सांसदों के हस्ताक्षर थे। हालांकि, 5 सांसदों ने कहा था कि उन्होंने इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किया। इसके बाद मामले की जांच की मांग की गई थी। सदन की विशेषाधिकार समिति ने राघव चड्ढा को लीगल नोटिस भेजा। दूसरी ओर राघव चड्ढा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि जिस कागज पर उन्होंने फर्जी हस्ताक्षर किए थे वो कागज लेकर आएं।
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