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Hindi News भारत राजनीति Aap Ki Adalat: मनमोहन सिंह को क्यों चुना गया प्रधानमंत्री? प्रणब रेस में क्यों रह गए थे पीछे? आजाद ने किया बड़ा खुलासा

Aap Ki Adalat: मनमोहन सिंह को क्यों चुना गया प्रधानमंत्री? प्रणब रेस में क्यों रह गए थे पीछे? आजाद ने किया बड़ा खुलासा

गुलाम नबी आजाद ने कहा कि जब मनमोहन सिंह 5 साल के लिए वित्त मंत्री थे तो मैं उस वक्त पर्यटन मंत्री था और हमारी बहुत अच्छी बनती थी।

Aap Ki Adalat Latest, Aap Ki Adalat Ghulam Nabi Azad, Ghulam Nabi Azad, Manmohan Singh Story- India TV Hindi Image Source : FILE आप की अदालत में डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के नेता गुलाम नबी आजाद।

नई दिल्ली: डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी के नेता गुलाम नबी आजाद ने इंडिया टीवी के खास शो ‘आप की अदालत’ में कुछ ऐसे खुलासे किए हैं, जो आगे चलकर सियासी भूचाल ला सकते हैं। ‘आप की अदालत’ में इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा के सवालों के जवाब देते हुए बताया कि आखिर 2004 में ऐसी कौन सी चीज थी जिसके चलते डॉक्टर मनमोहन सिंह को देश का प्रधानमंत्री चुना गया और कांग्रेस के कद्दावर नेता प्रणब मुखर्जी रेस में पीछे रह गए।

‘मनमोहन सिंह पढ़े-लिखे और शरीफ आदमी थे’
'आप की अदालत' रजत शर्मा के इस सवाल पर कि डॉक्टर मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री क्यों चुना गया, आजाद ने कहा कि वह एक पढ़े-लिखे, शरीफ और ईमानदार आदमी थे, और यही बात उनके पक्ष में गई। उन्होंने कहा, ‘ मनमोहन सिंह शरीफ आदमी थे, पढ़े लिखे थे, बहुत बड़े विद्वान थे,बहुत अच्छे वित्त मंत्री थे। जब वह 5 साल वित्त मंत्री थे तो मैं उस वक्त पर्यटन मंत्री था। हमारी बहुत अच्छी बनती थी। बहुत ईमानदार थे।’ बता दें कि मनमोहन 2004 से लेकर 2014 तक, कुल 10 सालों तक देश के प्रधानमंत्री रहे।

प्रणब मुखर्जी क्यों नहीं बन पाए पीएम?
जब रजत शर्मा ने गुलाम नबी आजाद से पूछा कि आपने कभी नहीं सोचा कि अगर प्रणब मुखर्जी को चुना जाता तो वह देश को बेहतर चला सकते थे, तो उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह से बेहतर कम्बैटिबिलिटी थी। उन्होंने कहा, ‘जिसको हमने चुन लिया था उनकी कम्पैटिबिलिटी तो होनी चाहिए थी कि उनकी किससे ज्यादा बन सकती थी। और वित्त मंत्री के रूप में मनमोहन सिंह की एक छवि बनी थी। जो कुछ भी उपलब्धि हुई, भले ही नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे, लेकिन लोगों को वित्त मंत्री पर विश्वास था। दुनिया के जाने माने इकोनॉमिस्ट थे।’ प्रणब मुखर्जी बाद में देश के राष्ट्रपति बने थे।

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