AAP in Gujarat: अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने पंजाब फतेह करने के बाद गुजरात पर नजरें गड़ा ली हैं। यहां इसी साल विधानसभा के चुनाव हैं और आम आदमी पार्टी को पता है कि बीजेपी से मुकाबला करने के लिए उसे कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगानी होगी। दरअसल, कांग्रेस की हालत देशभर के साथ ही गुजरात में भी बहुत कमजोर है। ऐसे में 'आप' चाहेगी कि कांग्रेस का वोट बैंक खिसककर उनकी पार्टी में आ जाए। इसी मकसद के चलते अरविंद केजरीवाल गुजरात में संगठन को मजबूत कर रहे हैं। कुछ विशेषज्ञों का यह मानना है कि बीजेपी भी यही चाहती है कि गुजरात में कांग्रेस और कमजोर हो और केजरीवाल की पार्टी कांग्रेस के वोट काटे। ताकि इसका फायदा बीजेपी को मिल सके। जानिए केजरीवाल की पार्टी कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए क्या कर रही है।
आप का दावा, कागजों पर ही अस्तित्व में है कांग्रेस
केजरीवाल ने दो दिन का दौरा किया। इस दौरान केजरीवाल ने लोगों से अपील की कि कांग्रेस को मत देकर बेकार न करें। देखा जाए तो कांग्रेस जो कभी गुजरात की सत्ता पर मोदी के कार्यकाल से पहले ताकत के साथ राज करती थी, वह आज केवल कागजों पर ही अस्तित्व में है। वहीं आप का दावा है कि उनकी पार्टी का संगठन मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस से कई गुना बड़ा हो चुका है। बहुत कम समय में लाखों लोग आप से जुड़े हैं।
पंजाब की जीत के बाद अचानक बढ़ा केजरीवाल का कद
पंजाब में मान सरकार बनने के बाद आम आदमी पार्टी और खुद केजरीवाल का कद देश की अन्य पार्टियों के बीच काफी बढ़ गया है। जिस तरह से आप की आंधी में पंजाब की सारी पार्टियां चुनाव में हारीं, उस हिसाब से गुजरात में आप की ताकत पर बीजेपी भी नजरें जमाए हुए है। ऐसे में केजरीवाल की पार्टी यही चाहती है कि कांग्रेस पार्टी के परंपरागत वोट भी उसकी झोली में आ जाएं और वह कोई बड़ा उलटफेर कर सके।
क्या है 'आप' का गुजरात में ज्यादा जोर लगाने का आधार? 4 कारणों से समझें
- आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में लगातार जीत दर्ज कर यह बता दिया कि उनके विकास का मॉडल जब देश की राजधानी में पसंद किया जा सकता है, तो दूसरे राज्यों में भी इसका फायदा होगा।
- पंजाब में मान सरकार बनने के बाद आम आदमी पार्टी से यह उदाहरण सेट किया है कि मुफ्त चिकित्सा, शिक्षा और बिजली के मुद्दे पर चुनाव जीता जा सकता है।
- जब कोई पार्टी लगातार जीत दर्ज करती है तो नए राज्यों में भी उस पार्टी के साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ता जुड़ने लगते हैं। गुजरात में भी यही हो रहा है।
- गुजरात में आगामी चुनाव के मद्देनजर लोगों में आप के प्रति विश्वास बढ़ा है और दिल्ली और पंजाब राज्य की जीत के बाद केजरीवाल की पार्टी के कार्यकर्ता बढ़ रहे हैं। इसका सबसे ज्यादा नुकसान कांग्रेस को होता दिख रहा हे।
दिल्ली, पंजाब के बाद अब दूसरे राज्यों पर 'आप' की नजर
राजनीतिक मामलों के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार हेमंत पाल बताते हैं कि से दिल्ली बाहर निकलकर पंजाब का कैंपेन सफल रहा। अब गुजरात और फिर अन्य राज्यों में तेजी के साथ आम आदमी पार्टी कांग्रेस की कमजोरी का फायदा उठाकर अपने पांव पसारना चाहती है।
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