बेलगावी: कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी के 2 विधायकों ने ‘खुली बगावत’ कर दी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कर्नाटक विधानसभा में शुक्रवार को पार्टी के 2 विधायकों एस. टी. सोमशेखर और शिवराम हेब्बार ने पार्टी के फैसले की अवहेलना की। इन दोनों ही विधायकों ने पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ विधानसभा से वॉकआउट नहीं किया और अपनी सीट पर ही बैठे रहे। बता दें कि सत्तारूढ़ कांग्रेस के सदस्यों ने कथित तौर पर विपक्ष के नेता आर. अशोक को वक्फ मुद्दा उठाने से रोकने की कोशिश की, जिसके बाद बीजेपी के विधायकों ने विधानसभा से वॉकआउट करने का फैसला किया।
‘मुनिरत्न पर जातिवादी बयान देने का आरोप’
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पी. एम. नरेंद्रस्वामी के नेतृत्व में कुछ कांग्रेस विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी के विधायक एन. मुनिरत्न के खिलाफ कुछ मामलों को उठाने की मांग की। शून्यकाल के तुरंत बाद कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष यू. टी. खादर ने अशोक को वक्फ मुद्दा उठाने की इजाजत दे दी। इस पर नरेंद्रस्वामी और कुछ अन्य सदस्यों ने मांग की कि उन्हें मुनिरत्न का मुद्दा उठाने की इजाजत दी जाए। बता दें कि विधायकों ने मुनिरत्न पर जातिवादी बयान देने का आरोप लगाया है। इस बीच, राजस्व मंत्री कृष्ण बायरे गौड़ा ने भी अनुरोध किया कि उन्हें सूबे में बारिश और इससे हुए नुकसान पर बयान देने की इजाजत दी जाए।
दोनों के खिलाफ कार्रवाई की हो चुकी है मांग
सत्तारूढ़ पार्टी के इस बर्ताव से नाराज अशोक ने बाकी के सभी बीजेपी विधायकों के साथ सरकार को निशाना बनाते हुए टिप्पणियां कीं। इसके बाद जब बीजेपी के सारे विधायकों ने वॉकआउट किया तब सोमशेखर अपनी सीट पर बैठे रहे। बाद में शिवराम हेब्बार भी सोमशेखर के साथ शामिल हो गए। बता दें कि सोमशेखर और हेब्बार को पिछले कुछ समय से पार्टी में ‘बागी’ के रूप में देखा जा रहा है। हाल ही में कर्नाटक बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया था कि सोमशेखर और हेब्बार दोनों के खिलाफ एक्शन लेते हुए या तो उन्हें सस्पेंड किया जाए या फिर हाईकमान से परामर्श करके विधायक के रूप में उन्हें तत्काल अयोग्य ठहराए जाने की मांग की जाए।
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