नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में महागठबंधन को पछाड़कर बीजेपी ने 64 सीटों पर कब्ज़ा किया। आखिर यूपी में मायावती-अखिलेश के जातीय गणित को बीजेपी ने कैसे दी मात? बीजेपी की किस रणनीति के आगे एसपी और बीएसपी का गठबंधन चारों खाने चित हो गया, इसका खुलासा यूपी के प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद किया।
योगी आदित्यनाथ ने जीत का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। मुख्यमंत्री योगी ने बताया कैसे जब महागठबंधन के नेता जाति और धर्म के नाम पर वोट की जुगाड़ में जुटे थे तब विकासवाद और राष्ट्रवाद का बुलंद नारा उनपर भारी पड़ा।
उन्होंने कहा कि यह पहला चुनाव था जिसमें केंद्र या प्रदेश सरकार के खिलाफ कोई ‘सत्ता विरोधी लहर’ नहीं थी और विपक्ष नकारात्मक राजनीति कर रहा था। जब जनहित से जुड़े किसी मुद्दे को लेकर बात नहीं बन पायी तो उन्होंने व्यक्तिगत टीका टिप्पणी प्रारंभ कर दी और अंतत: हताश-निराश विपक्ष बुरी तरह से धाराशाही हुआ।
यूपी में बड़ी जीत के पीछे बीजेपी के चाणक्य अमित शाह की चुनावी रणनीति भी काम आई। शाह ने बीएसपी-समाजवादी पार्टी के जातीय समीकरणों को मात देने के लिए कार्यकर्ताओं को 51 फीसदी वोट का टारगेट दिया। आखिर में बीजेपी की यही रणनीति माया-अखिलेश पर भारी पड़ी।
उन्होंने कहा कि राज्य में राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा 51 प्रतिशत वोट प्राप्त करने का लक्ष्य दिया गया था जिसे प्राप्त करने के लिए रणनीति बनाकर कार्य शुरू किया गया। बीजेपी और उसके सहयोगियों ने 64 सीटों पर सफलता प्राप्त की।
उन्होंने आगे बताया कि इस चुनाव में यूपी में बीजेपी का मत प्रतिशत बढ़ा है। 2014 में बीजेपी के पक्ष 42.3 प्रतिशत मतदान हुआ था जिसे बीजेपी कार्यकर्ताओं ने लगभग 51 प्रतिशत तक पहुंचाया है। गोरखपुर-कैराना और फूलपुर उपचुनाव में मायावती-अखिलेश के जिस गठबंधन ने बीजेपी को धूल चटाई थी वो 2019 के आम चुनावों में सिफर साबित हुआ।
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