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Hindi News भारत राजनीति साइकिल चुनाव चिन्ह वाली पार्टी SP के लिए अच्छा नहीं रहा World Bicycle Day, टूट के कगार पर सपा-बसपा गठबंधन

साइकिल चुनाव चिन्ह वाली पार्टी SP के लिए अच्छा नहीं रहा World Bicycle Day, टूट के कगार पर सपा-बसपा गठबंधन

लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद बसपा अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को समाजवादी पार्टी के साथ अपने गठबंधन को तोड़ने के संकेत दिए। मायावती ने घोषणा की कि बसपा राज्य में अकेल 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव लड़ेगी।

<p>Mayawati and Akhilesh Yadav</p>- India TV Hindi Mayawati and Akhilesh Yadav

नई दिल्ली: दुनियाभर में आज साइकिल दिवस मनाया जा रहा है और पर्यावरण की दुहाई देकर लोगों से अपील की जा रही है कि साइकिल का इस्तेमाल करें। लेकिन भारतीय राजनीति में ‘साइकिल’ के लिए 3 जून का दिन कुछ यादगार नहीं रहा और वो भी विशेषकर समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (BSP) के लिए। लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद बसपा अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को समाजवादी पार्टी के साथ अपने गठबंधन को तोड़ने के संकेत दिए।

दिल्ली में उत्तर प्रदेश के पार्टी नेताओं की एक बैठक में मायावती ने घोषणा की कि बसपा राज्य में अकेल 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव लड़ेगी। इसका साफ मतलब है कि मायावती समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन जारी रखने के मूड में नहीं हैं। इसके अलावा बसपा सामान्य तौर पर उपचुनाव नहीं लड़ती है लेकिन इस बार उसने घोषणा की है कि वह राज्य के उपचुनावों में अपने उम्मीदवार उतारेगी।

पार्टी की बैठक में उन्होंने कहा कि बसपा को समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन से कोई फायदा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि दोनों दलों के बीच वोटों का हस्तांतरण नहीं हुआ। उन्होंने पार्टी नेताओं से 11 विधानसभा सीटों के उप चुनावों के लिए उम्मीदवारों की सूची बनाने के लिए कहा। यह उपचुनाव, इन विधायकों के लोकसभा के लिए चुने जाने की वजह से होंगे।

मायावती ने अपनी बैठक में मान लिया कि हाथी और साइकिल का गठबंधन लोगों को पसंद नहीं आया, गलती साइकिल वालों की तरफ से अधिक रही। मायावती ने आरोप लगाया है कि साइकिल चलाने वाले नेता ही अपने घर में जीत का दीपक नहीं जला सके तो उनके वोटरों से क्या उम्मीद हो।

भाजपा के नौ विधायकों ने लोकसभा चुनाव जीता है, जबकि बसपा व सपा के एक-एक विधायक लोकसभा के लिए चुने गए हैं। बसपा ने उत्तर प्रदेश में 10 लोकसभा सीटें जीती हैं। पार्टी 38 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने 37 सीटों पर चुनाव लड़ा था और पार्टी सिर्फ पांच सीटें जीत सकी। राष्ट्रीय लोकदल ने तीन सीटों पर चुनाव लड़ा व एक भी सीट नहीं जीत सकी।

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