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Hindi News भारत राजनीति 'कैप्टन' के मंत्री ने कहा-'सिद्धू से तब तक नहीं मिलूंगा, जब तक वह सीएम के साथ मुद्दे हल नहीं करते'

'कैप्टन' के मंत्री ने कहा-'सिद्धू से तब तक नहीं मिलूंगा, जब तक वह सीएम के साथ मुद्दे हल नहीं करते'

पंजाब के मंत्री ब्रह्म महिंद्रा ने मंगलवार को नवजोत सिंह सिद्धू की राज्य इकाई के नए अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति का स्वागत किया, लेकिन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ अपने मुद्दों को हल करने तक उनके साथ व्यक्तिगत बैठक करने से इनकार कर दिया। 

'कैप्टन' के मंत्री ने कहा-'सिद्धू से तब तक नहीं मिलूंगा, जब तक वह सीएम के साथ मुद्दे हल नहीं करते'- India TV Hindi Image Source : FILE 'कैप्टन' के मंत्री ने कहा-'सिद्धू से तब तक नहीं मिलूंगा, जब तक वह सीएम के साथ मुद्दे हल नहीं करते'

चंडीगढ़: पंजाब के मंत्री ब्रह्म महिंद्रा ने मंगलवार को नवजोत सिंह सिद्धू की राज्य इकाई के नए अध्यक्ष के रूप में नियुक्ति का स्वागत किया, लेकिन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के साथ अपने मुद्दों को हल करने तक उनके साथ व्यक्तिगत बैठक करने से इनकार कर दिया। महिंद्रा ने एक बयान में कहा कि सिद्धू को नियुक्त करने का फैसला आलाकमान ने लिया है और यह स्वागत योग्य है।

महिंद्रा ने कहा, हालांकि, मैं उनसे (सिद्धू) तब तक नहीं मिलूंगा, जब तक कि वह मुख्यमंत्री से नहीं मिल जाते और उनके साथ अपने मुद्दों का समाधान नहीं कर लेते। उन्होंने कहा कि अमरिंदर सिंह कांग्रेस विधायक दल के नेता हैं और वह उनका अनुसरण करने के लिए बाध्य हैं। सीएलपी नेता होने के अलावा, मुख्यमंत्री उस कैबिनेट का भी नेतृत्व करते हैं, जिसमें वह एक हिस्सा हैं।

मंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब तक नव-नियुक्त राज्य प्रमुख सिद्धू अमरिंदर सिंह के साथ सभी मुद्दों को नहीं सुलझाते, तब तक ऐसी कोई संभावना नहीं है, कि वह उनसे व्यक्तिगत रूप से मिलेंगे। महिंद्रा ने कहा, हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है और इसलिए, जब तक उनके और सीएम के बीच के मुद्दों का समाधान नहीं हो जाता, मैं नवनियुक्त अध्यक्ष से मिलने से परहेज करूंगा।

राज्य में विधानसभा चुनाव होने से कुछ महीने पहले सिद्धू की नियुक्ति को लेकर मुख्यमंत्री सिंह के विरोध के बावजूद पार्टी आलाकमान द्वारा सिद्धू को राज्य की जिम्मेदारी सौंप दी गई है। हालांकि अभी तक मुख्यमंत्री और सिद्धू के बीच मतभेद खत्म नहीं हुए हैं। मुख्यमंत्री ने अभी तक सिद्धू को उनकी नियुक्ति के लिए बधाई नहीं दी है। साथ ही सिद्धू शिष्टाचार के नाते उनसे मिलने नहीं गए हैं। दोनों अपनी निष्ठा दिखाने के लिए नेताओं के साथ बैठकें करते रहे हैं।

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