नयी दिल्ली: कांग्रेस ने आज आरोप लगाया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण अपने हालिया चीन दौरे पर डोकलाम में चीनी अतिक्रमण के मुद्दे पर वहां की सरकार से विरोध दर्ज कराने में विफल रहीं। पार्टी ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री अपने मंत्रियों की इस 'विफलता' को स्वीकार करेंगे और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग से डोकलाम के मुद्दे पर दो टूक बातें करेंगे? कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, ''चीन के वुहान में मोदी जी आज शी चिनफिंग से गले मिलेंगे। क्या वह भारत के सामरिक हितों की सुरक्षा करने और डोकलाम में चीन के अतिक्रमण पर सवाल करने के अपने कर्तव्य को याद रखेंगे? डोकलाम में चीन का अतिक्रमण भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर रहा है।''
उन्होंने कहा, "विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री 20-24 अप्रैल के अपने चीन दौरे पर डोकलाम में भारतीय सेना की चौकी से 10 मीटर दूर चीन द्वारा 'पूर्ण सैन्य परिसर' बनाये जाने का विरोध करने में विफल रहीं। उन्होंने राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्य का परित्याग किया है। क्या प्रधानमंत्री इनकी विफलता को स्वीकार करेंगे?" गौरतलब है कि सुषमा और सीतारमण शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की मंत्री स्तरीय बैठकों के लिए पिछले दिनों चीन गयी थीं।
सुरजेवाला ने कहा, ''चीन डोकलाम के दक्षिण से होते हुए नयी सड़क का निर्माण कर रहा है और इस तरह से वह 'चिकेन नेक'- सिल्लीगुड़ी कॉरिडोर में घुसपैठ कर रहा है। भारत चीन की बढ़ती आक्रमकता का सामना कर रहा है, लेकिन मोदी सरकार अनभिज्ञ और चीन को कड़ा संदेश देने में अक्षम क्यों है?"
उन्होंने सवाल किया कि क्या उपग्रह से ली गयी हालिया तस्वीरों से पता नहीं चलता कि चीन भारतीय सेना की चौकियों से कुछ मीटर की दूरी पर अतिरिक्त निर्माण कार्य कर रहा है और क्या प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्रालय ने इसका संज्ञान लिया है? उन्होंने कहा, ''क्या प्रधानमंत्री मोदी चीनी राष्ट्रपति के साथ होने वाली बैठक में इस मुद्दे को उठाएंगे? क्या मोदी डोकलाम पर दो टूक बात करने और भारत के हितों की रक्षा करने के साहस दिखा पाएंगे?
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