चेन्नई. करुणानिधि के बड़े बेटे MK Alagiri अपने राजनीतिक करियर को लेकर आने वाले समय में क्या कदम उठाने जा रहे हैं, इसका सभी को इंतजार है। उनको लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष एल मुरुगन से जब उनके भाजपा ज्वॉइन करने को लेकर सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि मेरी कोई आधिकारिक बातचीत नहीं हुई है। मेरी उनसे बातचीत नहीं हुई है, मैं कुछ नहीं जानता। बहुत लोग हमारी पार्टी से जुड़ रहे हैं। अगर वो आते हैं और हमारी पार्टी ज्वॉइन करते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे।
अलागिरी को लेकर तमिलनाडु में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। तमिलनाडु में चर्चा है कि वो गृहमंत्री अमित शाह से 21 नवंबर को चेन्नई में उनके दौरे के दौरान मुलाकात कर सकते हैं। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि वो आगामी तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी का लॉन्च कर सकते हैं। कहा जा रहा है कि अलागिरी की पार्टी का नाम Kalaignar DMK या KDMK हो सकता है। अलागिरी के बेटे दयानिधि नई पार्टी के युवा विंग के अध्यक्ष हो सकते हैं।
आपको बता दें कि तमिलनाडु ने करीब 2 दशकों से डीएमके ने एम करुणानिधि के दो बेटों के बीच भाई-बहन की प्रतिद्वंद्विता देखी है। हालांकि डीएमके से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी अलागिरी के किसी भी कदम से बिलकुल चिंतित नहीं है, अलागिरी का प्रभाव पूरी तरह से शून्य होगा।
तत्कालीन डीएमके प्रमुख ने अपने छोटे बेटे एमके स्टालिन को धीरे-धीरे अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में तैयार किया। करुणानिधि ने स्टालिन को चेन्नई के मेयर, विधायक, एक मंत्री और यहां तक कि उप मुख्यमंत्री के पदों में राजनीति का क,ख,ग सिखाया। डीएमके पार्टी के भीतर, स्टालिन ने अपने कोषाध्यक्ष बनने से पहले वर्षों तक युवा विंग का नेतृत्व किया था। करुणानिधि ने अपनी सेहत खराब होने पर स्टालिन को अपनी पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया। करुणानिधि की मौत के बाद स्टालिन पार्टी के अध्यक्ष बन गए।
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