नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय राजधानी की अपनी यात्रा के अंत में शुक्रवार को कहा कि देश में लोकतंत्र को बचाने के लिए सभी को मिलकर काम करना चाहिए। इसके अलावा ममता ने यह भी कहा कि वह हर 2 महीने के अंतराल में दिल्ली का दौरा करेंगी। कोलकाता के लिए रवाना होने से पहले बनर्जी ने कहा, ‘यात्रा सफल रही। मेरा मानना है कि लोकतंत्र जारी रहना चाहिए और इसे बचाने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। जब लोकतंत्र खतरे में है, तो देश खतरे में है। देश को बचाने के लिए लोकतंत्र बचाओ ही हमारा नारा है।’
बनर्जी ने किसानों, मजदूरों, बेरोजगार युवाओं और अन्य लोगों के लिए काम करने की भी बात की। मार्च-अप्रैल में हुए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद बनर्जी सोमवार शाम दिल्ली पहुंचीं थीं। तीसरी बार पश्चिम बंगाल की सीएम के रूप में शपथ लेने के बाद राष्ट्रीय राजधानी की अपनी पहली यात्रा के दौरान, बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस की अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जैसे विपक्षी नेताओं से मुलाकात की। हालांकि NCP प्रमुख शरद पवार के साथ उनकी अपेक्षित बैठक नहीं हो पाई, लेकिन बनर्जी ने कहा कि मैंने शरद पवार से बात की है।
मंगलवार को प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद बनर्जी ने कहा था, ‘यह शिष्टाचार मुलाकात थी। मैंने प्रधानमंत्री को पश्चिम बंगाल में और वैक्सीन और दवाओं की जरूरत के बारे में बताया है।’ गुरुवार को उन्होंने केंद्रीय परिवहन मंत्री गडकरी से मुलाकात की और पश्चिम बंगाल से जुड़ी कई सड़क और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर चर्चा की। राजनीतिक मोर्चे पर उन्होंने बुधवार को सोनिया गांधी, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और केजरीवाल से मुलाकात की। उन्होंने कांग्रेस नेताओं कमलनाथ, आनंद शर्मा और द्रमुक नेता कनिमोझी से भी मुलाकात की।
पश्चिम बंगाल में अपनी तीसरी लगातार चुनावी जीत के बाद से, बनर्जी 2024 में होने वाले आम चुनावों से पहले भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकता की जोरदार वकालत कर रही हैं। उन्होंने कहा, ‘भाजपा को हराने के लिए सभी को साथ आना होगा। अकेले, हम (तृणमूल) कुछ भी नहीं हैं और सभी को मिलकर काम करना होगा।’ 2024 में मोदी के खिलाफ विपक्ष के चेहरे पर उन्होंने कहा कि सभी विपक्षी दल एक साथ बैठेंगे और तय करेंगे कि मोदी के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व कौन करेगा।
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