कौन होगा गुजरात का नया मुख्यमंत्री, आज विधायक करेंगे फैसला?
सूत्रों के अनुसार दौड़ में कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग और शिपिंग के राज्य मंत्री मनसुख मांडविया और वजुभाई वाला का नाम आ रहा हैं।
नयी दिल्ली: गुजरात के नवनिर्वाचित भाजपा विधायक अपने नेता और राज्य के अगले मुख्यमंत्री के चयन के लिए आज गांधीनगर में मुलाकात करेंगे। पार्टी के सूत्रों ने यह जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री अरूण जेटली और पार्टी की महासचिव सरोज पांडे को चुनाव के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था। नए मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा से पहले वे विधायकों के साथ विचार विमर्श करेंगे। हालांकि वर्तमान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का नाम अभी भी इस पद की दौड़ में सबसे आगे है लेकिन भगवा दल के गढ़ में जीत का अंतर कम होने की पृष्ठभूमि में उनके इस पद के लिए फिर से चुने जाने पर संदेह के बादल मंडरा रहे हैं।
सूत्रों की मानें तो गुजरात में विजय रूपाणी के स्थान पर किसी दूसरे व्यक्ति को यह पद दिया जा सकता है। जानकारी के अनुसार पार्टी को एक ऐसा चेहरा चाहिए, जो गुजरात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कि लोकप्रियता की बराबरी भले ही ना कर पाए, पर गुजरात में भाजपा ने जिस विकास का भरोसा दिलाया है उसे पूरा कर सके। जनता की उम्मीदों पर खरा उतरे और साथ ही भाजपा नेताओं को संगठित करने में भी सक्षम हो, जो इस चुनाव में अलग-थलग होते दिखे।
वहीं सूत्रों के अनुसार दौड़ में कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग और शिपिंग के राज्य मंत्री मनसुख मांडविया और वजुभाई वाला का नाम आ रहा हैं। यानी गुजरात में छठी बार जीत की विजयगाथा लिखने के बाद अब माथापच्ची राज्य के मुखिया को लेकर है। उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में ये तस्वीर भी साफ हो जाएगी।
गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने सरकार बनाने के लिए जरूरी 92 के जादुई आंकड़े से महज सात सीटें अधिक, कुल 99 सीटें जीती हैं। बीते कई चुनाव में यह भाजपा की सबसे कम सीटें हैं। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों ने 80 सीटें जीती हैं जिनमें से मुख्य विपक्षी दल को 77 सीटें प्राप्त हुई हैं।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि चुनाव रूपाणी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। सूत्रों के मुताबिक चूंकि इस चुनावी लड़ाई का चेहरा मोदी थे ऐसे में अंतिम समय में बदलाव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। पार्टी में यह अटकलें भी हैं कि शीर्ष नेतृत्व पाटीदार समुदाय से किसी को चुन सकता है क्योंकि अब पार्टी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही है।