नई दिल्ली: सर्वानंद सोनोवाल को मोदी कैबिनेट में जगह मिली है। उन्होंने बुधवार शाम को मंत्री पद की शपथ थी।उनकी गिनती पूर्वोत्तर भारत के दिग्गज नेताओं में होती है। सोनोवाल असम के 14वें मुख्यमंत्री रहे हैं। मई 2016 में हुए असम विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की जीत होने के बाद सोनोवाल ने 24 मई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। वह मई 2016 से लेकर मई 2021 तक असम के मुख्यमंत्री रहे हैं।
उन्होंने 2021 के विधानसभा चुनावों में भी जीत दर्ज करके खुद को साबित किया, लेकिन हाईकमान ने जब मुख्यमंत्री पद के लिए हेमंता बिस्बा सरमा को चुना तो सोनोवाल ने मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली कर दी। असम का मुख्यमंत्री बनने से पहले सोनोवाल मई 2014 से मई 2016 तक केंद्र में मंत्री थे। केंद्रीय मंत्रिमंडल में उन्हें खेल एवं युवा मामलों के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) का पद दिया गया था।
इसके अलावा उन्होंने कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाली थी। 2014 के लोकसभा चुनावों में वह असम की लखीमपुर सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर निर्वाचित हुए थे। डिब्रूगढ़ में 31 अक्टूबर 1962 तो जन्मे सोनोवाल लॉ ग्रैजुएट हैं। सोनोवाल के पास छात्र राजनीति का भी काफी अनुभव है।
वह असम गण परिषद के स्टूडेंट विंग ऑल असम स्टूडेंट यूनियन (AASU) और पूर्वोत्तर के राज्यों में असर रखने वाले नॉर्थ इस्ट स्टुडेंट्स यूनियन (NESU) के अध्यक्ष रह चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी का हाथ थामने से पहले सोनोवाल असम गण परिषद के सदस्य थे।
2001 में असम गण परिषद के उम्मीदवार के रूप में ही वह सबसे पहले विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए और 2004 में उन्होंने पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता था। हालांकि 2011 में बीजेपी में आने के बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। 2012 एवं 2014 में वह असम बीजेपी के अध्यक्ष बने और फिर 2016 में वह राज्य के मुख्यमंत्री बने।
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