नई दिल्ली: महाराष्ट्र की सियासत के दिग्गज नेताओं में से एक नारायण राणे ने बुधवार को केंद्र की मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्री के रूप मे शपथ ली। उन्होंने शिवसेना से अपनी राजनीति की शुरुआत की थी, और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री भी रहे। राणे ने शिवसेना के बाद कांग्रेस का हाथ थाम लिया था और बाद में अपनी पार्टी भी बनाई। हालांकि वहां उन्हें कुछ खास सफलता नहीं मिली और आखिरकार उन्होंने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया। राणे फिलहाल राज्यसभा सांसद हैं।
नारायण राणे का जन्म 10 अप्रैल 1952 को हुआ था। उन्होंने अपनी राजनीति की शुरुआत काफी कम उम्र में शिवसेना के साथ शुरू की थी। वह सबसे पहले मुंबई के चेंबूर में शिवसेना के स्थानीय शाखा प्रमुख बने। इसके बाद उन्होंने कोपड़गांव से पार्षद का चुनाव जीता। उनकी राजनीति का सबसे बड़ा पल 1999 में उस समय आया जब महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं शिवसेना नेता मनोहर जोशी ने पद छोड़ दिया और राणे को सूबे का सीएम बना दिया गया। हालांकि राणे सिर्फ फरवरी 1999 से लेकर अक्टूबर 1999 तक ही इस पद पर रह पाए।
3 जुलाई 2005 को शिवसेना ने राणे को पार्टी से निकाल दिया जिसके बाद उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया। कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार में राणे महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री बने। हालांकि कांग्रेस में भी वह ज्यादा दिन तक शांत नहीं रह पाए और 6 दिसम्बर 2008 को पार्टी के बारे में प्रतिकूल टिप्पणियां करने के लिए पार्टी ने उन्हें निलंबित कर दिया। बाद में फरवरी 2009 को उन्होंने पार्टी की मुखिया सोनिया गांधी को माफीनामा पत्र दिया जिसके बाद उनका निलंबन रद्द कर दिया गया। हालांकि बाद में फिर उन्होंने बगावती तेवर अपनाए और कांग्रेस छोड़ने, अपनी पार्टी बनाने के बाद अब वह बीजेपी में हैं।
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