नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि आजादी का कोई मतलब नहीं है जब तक यह सभी के लिए न हो। साथ ही उन्होंने पूछा कि जब देश में 'नफरत का जहर' फैलाया जा रहा है तो 'अमृत महोत्सव' का क्या मतलब है। गांधी की यह टिप्पणी असम के दरांग जिले में बृहस्पतिवार को अतिक्रमण हटाने के अभियान के दौरान पुलिस और कथित अतिक्रमणकारियों के बीच हुई झड़प के बाद आई है, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई और 20 घायल हुए।
‘घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए’
घटना के बाद एक चौंकाने वाला वीडियो भी सामने आया, जिसमें कैमरा लिए एक व्यक्ति मृत व्यक्ति पर वार कर रहा है जिसके सीने में गोली लगी है। बाद में उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया और घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं। गांधी ने एक ट्वीट में 'असम' हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए पूछा, 'जब देश में नफरत का जहर फैलाया जा रहा है तो 'अमृत महोत्सव' क्या है? आजादी का क्या मतलब है अगर यह सभी के लिए नहीं है।'
कांग्रेस नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की इस बीच, कांग्रेस नेताओं ने असम के राज्यपाल जगदीश मुखी से मुलाकात की और उनसे उचित पुनर्वास पैकेज की घोषणा होने तक दरांग के सिपाझार में अतिक्रमण हटाने के अभियान को रोकने का अनुरोध किया। इससे पहले कांग्रेस नेता
राहुल गांधी ने शुकवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया था कि वह चीन से ‘डरे’ हुए हैं। राहुल ने चीन से लगी सीमा से जुड़े घटनाक्रम पर एक वीडियो क्लिप के साथ ट्वीट किया था, ‘श्रीमान 56 इंच चीन से डरे हुए हैं।’
चीन को लेकर भी साधा था निशाना
वीडियो का शीर्षक ‘घटनाक्रम समझिये’ है जिसमें पिछले वर्ष 5 मई के बाद से पूर्वी लद्दाख में उत्पन्न भारत चीन गतिरोध पर खबरों का संकलन शामिल है। 54 सेकेंड के वीडियो में पूर्वी लद्दाख में गतिरोध से जुड़े घटनाक्रम को दर्शाया गया है। राहुल गांधी और उनकी पार्टी चीन को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों की आलोचक रही है। भारत ने शुक्रवार को कहा है कि चीन के पूर्वी लद्दाख में यथास्थिति को बदलने के ‘उकसावे भरे और एकतरफा’ प्रयासों के कारण इस पर्वतीय इलाके में शांति एवं समरसता की स्थिति गंभीर रूप से खराब हुई है।
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