नई दिल्ली: मंगलवार को महाराष्ट्र में केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को महाराष्ट्र पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। नारायण राणे पर आरोप है कि उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी राज्य की पुलिस ने किसी केंद्रीय मंत्री को गिरफ्तार किया हो। पहले भी इस तरह की घटनाएं हो चुकी हैं जिनमें केंद्रीय मंत्रियों को राज्य की पुलिस ने गिरफ्तार किया हो, नारायण राणे के साथ इतिहास को दोहराया गया है।
साल 2001 में जब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली NDA सरकार थी तो उस सरकार में तमिलनाडु का DMK भी सहयोगी दल था। वाजपेई सरकार में DMK की तरफ से मुरासोली मारन तथा टीआर बालू केंद्र में मंत्री हुआ करते थे। लेकिन तमिलनाडु में जयललिता के नेतृत्व में AIADMK की सरकार हुआ करती थी।
जुलाई 2001 में तमिलनाडू पुलिस ने DMK सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री करुणानिधी को गिरफ्तार किया था और करुणानिधी के साथ उनके दामाद तथा केंद्रीय मंत्री मुरासोली मारन भी गिरफ्तार हुए थे, मारन के अलावा केंद्रीय मंत्री टीआर बालू की गिरफ्तारी भी हुई थी। DMK नेताओं की गिरफ्तारी के वीडियो पूरे देश के मीडिया में दिखाए गए ते क्योंकि तमिलनाडु पुलिस DMK नेताओं को उठाकर ही ले गई थी।
दरअसल जब तमिलनाडु में करुणानिधी के नेतृत्व वाली DMK सरकार थी तो उस समय जयललिता के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे और जयललिता को गिरफ्तार करके जेल में बंद कर दिया गया था। जयललिता के जेल में रहते हुए भी उनकी पार्टी AIADMK चुनाव जीत गई थी और बाद में कोर्ट में जयललिता के खिलाफ आरोप गलत साबित हुए और वे जेल से छूटकर बाहर आईं तथा तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं। उनके मुख्यमंत्री बनने के बाद करुणानिधी और अन्य DMK नेताओं की गिरफ्तारी हुई थी और उस समय ऐसा माना जाता था कि जयललिता ने अपना बदला लेने के लिए वह गिरफ्तारी कराई थी।
आज जब महाराष्ट्र पुलिस ने केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को गिरफ्तार किया है तो 2001 में उस समय के केंद्रीय मंत्री मुरासोली मारन तथा टीआर बालू की गिरफ्तारी की यादें ताजा हो गई हैं। मौजूदा समय में भी केंद्र में NDA की सरकार है लेकिन अब तमिलनाडु में करुणानिधी के बेटे एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली DMK सरकार है और अब DMK कांग्रेस पार्टी का सहयोगी दल है।
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