नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने गुरुवार को कहा कि कुछ लोग भारत में कश्मीर को तो चाहते हैं, पर कश्मीरियों को नहीं। चिदंबरम ने कहा कि कुछ लोग यह तो चाहते हैं कि कश्मीर भारत का हिस्सा बने लेकिन वे नहीं चाहते कि कश्मीरी, भारतीयों का हिस्सा बनें और ‘हालात की यह विडम्बना निराशाजनक’ है। पूर्व गृह एवं वित्त मंत्री चिदंबरम ने मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय के उस बयान की भी आलोचना की जिसमें उन्होंने कश्मीरी उत्पादों का बहिष्कार करने और पर्यटकों के रूप में कश्मीर नहीं जाने के आह्वान का समर्थन किया है।
चिदंबरम ने ट्वीट किया, ‘हालात की यह विडम्बना बेहद निराशाजनक है। हम चाहते हैं कि कश्मीर भारत का हिस्सा बने लेकिन हम यह नहीं चाहते कश्मीरी भारतीयों का हिस्सा बनें।’ उन्होंने कहा कि सरदार सरोवर बांध के निकट सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर की प्रतिमा ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ मेघालय के राज्यपाल और अन्य लोगों पर नजर रख रही होगी जिन्हें लगता है कि कश्मीरियों की भारत में कोई जगह नहीं है। देश के पहले गृह मंत्री पटेल को देश की एकजुटता के सूत्रधार माना जाता है और 560 रियासतों के भारत में विलय का श्रेय उन्हीं को दिया जाता है।
देहरादून, जम्मू, कोलकाता, मुजफ्फरनगर और अन्य स्थानों में पढ़ रहे या काम कर रहे कश्मीरी छात्रों एवं अन्य कश्मीरियों को कथित खतरे संबंधी घटनाओं के कारण उनके जम्मू कश्मीर स्थित अपने घरों में वापस जाने की सूचना मिली है। वहीं, इस तरह की कुछ घटनाओं के बारे में अफवाह भी फैलाई गई, जिसपर पुलिस ने मामला दर्ज किया है। ये कथित घटनाएं 14 फरवरी को पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के हमले के बाद हुई। इस हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। (भाषा)
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