नई दिल्ली: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि पॉजिटिविटी के नाम पर झूठ और प्रोपेगैंडा फैलाने की लगातार कोशिश हो रही है। दरअसल, कोरोना से जूझ रहे देश में पॉजिटिविटी के संचार के लिए बीजेपी और केंद्र सरकार ने पॉजिटिविटी की मुहिम छेड़ी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' को लेकर भी ट्विटर हैंडल्स पर पॉजिटिविटी से जुड़े संदेश मेंशन किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि इसी को लेकर निशाना साधते हुए किशोर ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि देश में दुख के माहौल और हर तरफ त्रासदियों के बीच पॉजिटिविटी के नाम पर झूठ और प्रोपेगैंडा फैलाने की लगातार कोशिश हो रही है, जो कि घिनौनी है।
‘हमें सरकार का ‘ब्लाइंड प्रॉपेगैंडिस्ट’ होने की जरूरत नहीं’
प्रशांत किशोर ने अपने ट्वीट में कहा कि पॉजिटिव होने के लिए हमें सरकार का ‘ब्लाइंड प्रॉपेगैंडिस्ट’ होने की जरूरत नहीं है। बता दें कि किशोर ने हाल ही में संपन्न पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस की बड़ी जीत की रणनीति बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। तृणमूल की जीत के बाद किशोर ने कहा था कि वह अब इस भूमिका से हट रहे हैं। किशोर ने हाल ही में निर्वाचन आयोग पर बरसते हुए आरोप लगाया कि था कि वह भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी की तरह काम कर रहा है। उन्होंने दिसंबर में दावा किया था कि पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी दहाई के आंकड़े को पार नहीं कर पाएगी और ऐसा हुआ तो वह रणनीति बनाने का काम बंद कर देंगे।
नतीजों ने प्रशांत किशोर की बात पर लगाई मुहर 2 मई को आए पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के नतीजों ने सभी राजनीतिक पंडितों को हैरान कर दिया था। बीजेपी के आक्रामक प्रचार अभियान को देखते हुए लग रहा था कि पार्टी इस बार ममता सरकार को मुश्किल में डाल सकती है, लेकिन जब नतीजे आए तो प्रशांत किशोर की बात पर मुहर लग गई। ममता बनर्जी के नेतृत्व में शानदार प्रदर्शन करते हुए तृणमूल कांग्रेस ने 213 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की। इसके साथ ही ममता बनर्जी के लगातार तीसरी बार सीएम की गद्दी पर बैठना तय हो गया। बीजेपी ने भी अपने प्रदर्शन में सुधार करते हुए 3 से 77 विधानसभा सीटों का सफर तय किया।
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