नई दिल्ली: गुजरात में राज्यसभा के लिये हुई वोटिंग में कांग्रेस उम्मीदवार अहमद पटेल के लिए उस समय राहत की खबर आई जब चुनाव आयोग ने कांग्रेस की शिकायत की जांच के बाद कांग्रेस के दो विधायकों (राघवजी पटेल और भोला भाई) के वोट को रद्द करने का फैसला किया। इससे पहले दो-दो बार कांग्रेस और भाजपा का प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिला। भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस चुनाव आयोग पर अनावश्यक दबाव बना रही है लेकिन अंत में चुनाव आयोग ने इन दोनों के वोट को रद्द कर दिया। ये भी पढ़ें: नौकरीपेशा लोगों के लिए खुशखबरी, सरकार जल्द ही ले सकती है यह बड़ा फैसला
इन्हीं दोनों विधायकों के वोट रद्द होने से सारा खेल पलट गया और बलवंत सिंह राजपूत और भाजपा का खेल बिगड़ गया। इन विधायकों के वोट रद्द होते ही राज्यसभा पहुंचने के लिए जादुई नंबर 45 से घटकर 44 रह गया। पटेल को 44 ही वोट मिले और वह जीतने में कामयाब रहे। जानकार मानते हैं कि क्रॉस वोटिंग करने वाले ये दो विधायक भूल गए कि वे वोट करते वक्त भी कांग्रेस के सदस्य थे और वे पोलिंग बूथ पर खड़े होकर अपनी बदली हुई वफादारी का सार्वजनिक प्रदर्शन नहीं कर सकते। इस गलती की कीमत भाजपा और वाघेला कैंप को अहमद पटेल की जीत के तौर पर चुकानी पड़ी।
आपको बता दें कि आयोग से कांग्रेस से मांग की थी कि इन विधायकों ने सीक्रेसी का उल्लंघन करते हुए अपना वोट वहां मौजूद पोलिंग एजेंट को दिखाया था इसलिए इनके वोट रद्द किये जाएं। जिसके बाद भाजपा ने कांग्रेस की इस याचिका को रद्द करने की मांग की थी लेकिन चुनाव आयोग ने वोटिंग के दौरान का विडियो देखने के बाद भोला भाई और राघवजी पटेल का वोट रद्द कर दिया।
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