चुनाव आयोग कुछ चुनिंदा पोलिंग स्टेशनों पर ही VVPAT स्लिप्स की गिनती करवाने पर विचार कर रहा है लेकिन उसका कहना है कि इस नए सिस्टम के कारण अब चुनावी नतीजों में थोड़ी देरी भी हो सकती है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के बाद लगातार ईवीएम मशीनों पर सवाल उठाए गए थे, जिसके बाद अब चुनाव आयोग ने VVPAT के जरिए चुनाव करवाने की पूरी तैयारी कर ली है।
एक अंग्रेज़ी दैनिक में छपी ख़बर के अनुसार इस मामले पर आखिरी फैसला करने के लिए एक समिति बनाई गई है। ये समिति तय करेगी कि इन पर्चियों की गिनती कब और कहां की जाए। एक अधिकारी का कहना है कि अगर इन पर्चियों की गिनती पहले होती है, तो नतीजों का पहला रुझान 11 बजे के बाद ही आ पाएगा जबकि अभी तक EVM से गिनती होती थी तो शुरुआती आधे से एक घंटे के भीतर ही रुझान आने शुरू हो जाते थे।
अधिकारी के मुताबिक अगर रुझान या रिज़ल्ट आने में देरी होती है तो यह दोनों प्रतिद्वंदी उम्मीदवारों के समर्थकों के बीच झगड़े हो सकता है। ग़ौरतलब है कि चुनाव आयोग गुजरात और हिमाचल प्रदेश के चुनाव से पहले ही वीवीपैट को लेकर दिशा निर्देश जारी कर सकता है। खबर के मुताबिक, EC द्वारा गठित समिति एक लोकसभा या विधानसभा सीट के 4-5 पोलिंग स्टेशनों पर ही पेपर स्लिप्स की गिनती के पक्ष में है।
आपको बता दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा है कि अगर आपके पास 87 हजार VVPT मशीने हैं तो उन्हें गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल क्यों नहीं जा सकता है ? चुनाव आयोग के वकील का कहना था कि तमाम मशीन वर्किंग कंडीशन में नहीं है और अभी पर्याप्त संख्या में मशीनों का अभाव है।
Latest India News