नई दिल्ली: भारत में दोबारा आपातकाल की आशंका संबंधी अपने बयानों से कल खबरों में रहने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि जो भी सत्ता में आता है, उसे खोना नहीं चाहता। उन्होंने आगाह किया कि जो भी सत्ता का दुरुपयोग करेगा, उसे मतदाता सबक सिखाएंगे।
इंडिया टुडे चैनल पर जब करण थापर ने आडवाणी से पूछा कि अगर कोई राजनेता सत्ता को लेकर भुलावे में रहता है या अपने अधिकारों का दुरुपयोग करने की इच्छा रखता है तो क्या भारतीय मतदाता ऐसे राजनेता को सबक सिखाएंगे तो भाजपा नेता का जवाब था, सही।
भाजपा नेता ने कहा कि भारत में दूसरी बार आपातकाल आसानी से नहीं लगाया जा सकता लेकिन उन्होंने आगाह करते हुए यह भी कहा कि जिनके पास सत्ता है या जो सत्ता में आ सकते हैं, उनकी संवेदनशीलता हमेशा वृहतर होगी।
उन्होंने कहा कि जो भी सत्ता में आता है, वह उसे खोना नहीं चाहता। जिस तरह किसी को धन मिलता है तो वह उसे खोना नहीं चाहता। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस अखबार को दिये इंटरव्यू में कहा था, फिलहाल लोकतंत्र को कुचल सकने वाली ताकतें अधिक मजबूत हैं। इस बयान का जिक्र करते हुए जब पूछा गया कि क्या यह मौजूदा परिप्रेक्ष्य में की गयी टिप्पणी थी तो आडवाणी ने किसी भी तरह की अटकल को खारिज कर दिया।
आडवाणी ने कहा कि मुझे नहीं पता कि क्या मैंने ज्यादा मजबूत कहा था। मैंने केवल मजबूत कहा था। मुझे हैरानी इस बात की होती है या इस बात से कष्ट होता है कि जिन्होंने देश में इतना भयावह आपातकाल लगाया था, उन्हें इसके लिए कोई अपराधबोध नहीं है। मुझे इससे कष्ट होता है।
जब आडवाणी से पूछा गया कि क्या लोकतंत्र के संरक्षण के लिए पर्याप्त संवैधानिक सुरक्षा मानक हैं तो उन्होंने कहा कि संवैधानिक सुरक्षा मानकों की इतनी जरूरत नहीं है जितनी सत्ता में बैठे लोगों की राजनीतिक इच्छाशक्ति जरूरी है। यह चिंता की बात है।
Latest India News