नई दिल्ली: 52 सालों में पहली बार विश्व हिन्दू परिषद अपने अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष के पद के लिए चुनाव करवाने जा रहा है। इस पद के लिए दो उम्मीदवार मैदान में हैं और परिषद के सदस्यों में किसी एक के नाम पर सहमति नहीं बन सकी, जिसके बाद चुनाव कराने का फैसला किया गया है। सूत्रों के अनुसार 14 अप्रैल को होने वाली वीएचपी संगठन के कार्यकारी बोर्ड की बैठक में प्रवीण तोगड़िया के अलावा वीएचपी के अध्यक्ष राघव रेड्डी को भी हटा दिया जाएगा।
सूत्रों की मानें तो तोगडिया को हटाने के निर्देश राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से वीएचपी के लिए जारी किए गए हैं। यह चुनाव 14 अप्रैल को गुरुग्राम में होगा। वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया और वीएचपी के अध्यक्ष राघव रेड्डी का कार्यकाल पिछले साल दिसम्बर में ही ख़त्म हो गया था। वीएचपी के नए अध्यक्ष के चुनाव के लिए बीते 29 दिसंबर को भुवनेश्वर संगठन के कार्यकारी बोर्ड की बैठक हुई थी।
आरएसएस राघव रेड्डी की जगह वी. कोकजे को अध्यक्ष बनाना चाहता था, लेकिन तोगड़िया और उनके समर्थकों ने हंगामा करके चुनाव को नहीं होने दिया था। इसी के चलते नए अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो सका। पिछले महीने नागपुर में संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक में प्रवीण तोगड़िया और राघव रेड्डी को संघ नेतृत्व ने साफ़ कर दिया था कि दोनों को अपने पद छोड़ने पड़ेंगे।
तोगड़िया के मुताबिक वीएचपी पर राजनीतिक दबाव की वजह से चुनाव कराना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “52 सालों में मैं पहली बार वीएचपी में चुनाव होते देख रहा हूं। ऐसा करने के लिए वीएचपी पर राजनीतिक दबाव है।” पिछले साल दिसंबर में भुवनेश्वर में हुई बैठक में जब आरएसएस के एक धड़े ने कोकजे का नाम सुझाया तो तोगड़िया ने इसका कड़ा विरोध किया था।
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