नई दिल्ली: राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सदन के पटल पर सरकारी दस्तावेज रखने के दौरान उपनिवेश काल के वाक्यांश ‘मैं निवेदन करना चाहता हूं’ का प्रयोग करने पर केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह को आज आड़े हाथ लिया। नायडू ने सभापति बनने के तुरंत बाद सभी मंत्रियों एवं सदस्यों से अनुरोध किया था कि वे ‘मैं निवेदन करना चाहता हूं’ के बजाय ‘‘मैं यह कहने या दस्तावेज रखने के लिए खड़ा हुआ हूं’’ वाक्यांश का प्रयोग करने का सुझाव दिया था।
आज सदन की कार्यवाही शुरू होने पर सरकारी दस्तावेज सदन के पटल पर रखे जाने के दौरान केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने अंतरिक्ष विभाग के दस्तावेज पेश करते हुए कहा, ‘‘मैं निवेदन करना चाहता हूं।’’ इस पर नायडू ने कहा, ‘‘हमने एक वर्ष पहले ही निवेदन को छोड़ चुके हैं। आप (फिर भी) निवेदन कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि सदस्य महज यह कह सकते हैं, ‘‘मैं रिपोर्ट पेश करने के लिए खड़ा हुआ हूं।’’ नायडू ने कहा, ‘‘उन्हें निवेदन करने की जरूरत नहीं है।’’
उपराष्ट्रपति बनने के बाद नायडू ने जब सदन में सदस्यों से ‘मैं निवेदन करता हूं’ नहीं कहने का अनुरोध किया था तो उसके बाद से प्राय: सभी सदस्यों एवं मंत्रियों ने इस वाक्यांश के प्रयोग को खत्म कर दिया था।
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