नई दिल्ली: देश में सबसे ज्यादा जनसंख्या वाले राज्य उत्तर प्रदेश में भारी संख्या में फर्जी राशन कार्ड रद्द हुए हैं। मंगलवार को केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण प्रणाली मंत्री ने लोकसभा में इसके बारे में जानकारी दी है। लोकसभा सांसद नितेश गंगादेब ने उपभोक्ता मंत्रालय से यह जानकारी चाही थी कि पिछले 3 सालों के दौरान देश में कितने राशनकार्ड रद्द किए गए हैं। इसके जवाब में उपभोक्ता मंत्री ने देशभर में अलग अलग राज्यों में पिछले 3 सालों के दौरान रद्द किए गए राशन कार्डों की संख्या जारी की और उन राज्यों में उत्तर प्रदेश सबसे आगे रहा है।
उपभोक्ता मंत्री की तरफ से लोकसभा में दी गई जानकारी के अनुसार उत्तर प्रदेश में 2018, 2019 और 2020 के दौरान कुल 93,78,789 राशन कार्ड रद्द किए गए हैं। इनमें 2018 में 4372491 राशन कार्ड रद्द हुए हैं, इसके बाद 2019 में 4152276 राशन कार्ड और 2020 में 854025 राशन कार्ड रद्द किए गए हैं। उत्तर प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र में भी 20.37 लाख से ज्यादा राशन कार्ड 3 साल में रद्द हुए हैं। इसके अलावा दिल्ली में ढाई लाख से ज्यादा राशन कार्ड इस दौरान रद्द किए गए हैं।
उपभोक्ता मंत्री की तरफ से यह जानकारी भी दी गई है कि देशभर में अबतक लगभग 92 प्रतिशत राशन कार्ड परिवार में कम से कम एक व्यक्ति के आधार कार्ड से लिंक हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल में अभी तक 79.8 प्रतिशत और असम में सिर्फ 18.2 प्रतिशत ही राशन कार्ड आधार कार्ड से लिंक हो पाए हैं।
फर्जी या जाली राशन कार्ड को पकड़ने के लिए और वन नेशन वन राशन कार्ड योजना को देशभर में लागू करने के लिए सरकार सभी राज्यों से राशन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करने के लिए कह रही है।
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