नई दिल्ली: मोदी सरकार ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के उस फैसले को अंसवैधानिक करार दिया है जिसमें 17 जातियों को ओबीसी से एससी कैटेगरी में शामिल करने का फैसला किया गया था। योगी सरकार ने इस मामले में आदेश जारी करने के साथ ज़िला अधिकारियों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने को कहा था लेकिन मंगलवार को राज्यसभा में बीएसपी के सतीश चंद्र मिश्रा समेत कुछ और सांसदों ने इस आदेश को लेकर सवाल पूछा और यूपी सरकार पर संविधान और नियमों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया।
इस पर समाज कल्याण मंत्री थावर चंद गहलोत ने माना कि यूपी सरकार का फैसला सही नहीं है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल जिन 17 समुदायों को अनुसूचित जाति की सूची में डालने का फैसला किया है उन समुदायों को अब न तो अन्य पिछड़ा वर्ग के तहत मिलने वाले लाभ हासिल होंगे और न ही अनुसूचित जाति के तहत मिलने वाले लाभ हासिल हो पाएंगे क्योंकि अनुसूचित जाति की सूची में बदलाव करने का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं है।
केंद्र सरकार की आपत्ति के बाद योगी सरकार के इस फ़ैसले पर सवाल खड़ा हो गया है। बता दें कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने भी एक दिन पहले सरकार के इस फ़ैसले को असंवैधानिक करार दिया था। मंगलवार को केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने वही बात राज्यसभा में कही।
उत्तर प्रदेश सरकार ने 24 जून को जिला मजिस्ट्रेटों और आयुक्तों को आदेश दिया था कि वे अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल 17 समुदायों कश्यप, राजभर, धीवर, बिंद, कुम्हार, कहार, केवट, निषाद, भार, मल्लाह, प्रजापति, धीमर, बठाम, तुरहा, गोड़िया, मांझी और मचुआ को जाति प्रमाणपत्र जारी करें।
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