श्रद्धांजलि: 6 बार सांसद रहे अनंत कुमार ने लोकसभा चुनावों में कभी हार का मुंह नहीं देखा
केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का बेंगलुरु के एक अस्पताल में सोमवार तड़के 2 बजे निधन हो गया। कैंसर से पीड़ित अनंत का पिछले काफी समय से इलाज चल रहा था।
बेंगलुरु: केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का बेंगलुरु के एक अस्पताल में सोमवार तड़के 2 बजे निधन हो गया। कैंसर से पीड़ित अनंत का पिछले काफी समय से इलाज चल रहा था। 59 वर्षीय अनंत का पहले लंदन और न्यूयॉर्क में इलाज चला था और 20 अक्टूबर को ही वह बेंगलुरु वापस आए थे। अनंत कुमार का जन्म 22 जुलाई 1959 को हुआ था। वह बेंगलुरु दक्षिण सीट से सांसद थे। अनंत भारतीय जनता पार्टी के उन गिन-चुने नेताओं में शामिल थे, जिनकी वजह से पार्टी दक्षिण भारत में अपनी पहचान बना पाई। अनंत 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में भी मंत्री थी और पार्टी के अंदर उन्हें ट्रबल शूटर भी माना जाता था।
लगातार 6 बार सांसद, कभी हार का मुंह नहीं देखा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में अनंत 2014 से ही रसायन और उर्वरक मंत्रालय का काम देखते थे। अनंत को 2016 में संसदीय कार्य मंत्री की जिम्मेदारी भी दी गई थी। वह बेंगलुरु दक्षिण सीट से लगातार 6 बार सांसद चुने गए। साल 1996 में अनंत कुमार ने बेंगलुरु साउथ सीट से पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ा और उसके बाद उन्होंने कभी हार का मुंह नहीं देखा। आपातकाल के दौरान जेल जा चुके अंनत कुमार अपने छात्र जीवन से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए थे। 1985 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सचिव बने।
वाजपेयी मंत्रिमंडल में भी संभाले अहम विभाग
भारतीय जनता युवा मोर्चा में काम करने के बाद भाजपा ने 1996 में अनंत कुमार को बेंगलुरु दक्षिण से टिकट दिया था, जहां से वह आज तक लगातार जीतते हुए आए। 1999 में अनंत कुमार को अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में नागरिक उड्डयन मंत्री बनाया गया। वाजपेयी मंत्रिमंडल में अनंत कुमार सबसे कम उम्र के कैबिनेट मंत्री थे। इसके अलावा अनंत कुमार ने शहरी विकास मंत्रालय और खेल मंत्रालय का कामकाज भी संभाला। साल 2004 में भाजपा ने अनंत कुमार को पार्टी का महासचिव बनाया जहां उन्हें मध्य प्रदेश, बिहार और छत्तीसगढ़ के साथ-साथ दूसरे राज्यों की जिम्मेदारी दी गई।
परिवार में पत्नी और 2 बेटियां
यूरिया की 100 फीसदी नीम कोटिंग का लक्ष्य सरकार ने अनंत कुमार के रसायन और उर्वरक मंत्री रहते ही हासिल किया। अनंत कुमार के परिवार में उनकी पत्नी तेजस्विनी, एवं दो बेटियां ऐश्वर्या और विजेता हैं। सभी पार्टियों के नेताओं से अनंत के अच्छे रिश्ते थे। यही वजह है कि फ्लोर मैनेजमेंट के लिए उन्हें संसदीय कार्यमंत्री बनाया गया था।