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संसद में गतिरोध कायम, अविश्वास प्रस्ताव पर नहीं हो सकी आगे की कार्यवाही

पिछले सप्ताह शुक्रवार और बीते सोमवार तथा मंगलवार को भी सदन में हंगामे के कारण अविश्वास प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाया जा सका था...

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नई दिल्ली: अलग-अलग मुद्दों पर विभिन्न दलों के हंगामे के कारण संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही आज लगातार 13वें दिन भी बाधित रही और राज्यसभा की कार्यवाही बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद, वहीं लोकसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद दोपहर करीब 12 बजे दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। लोकसभा में हंगामे के कारण, सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर आगे की कार्यवाही नहीं हो सकी।

बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरूआत से ही दोनों सदनों में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा, कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग और पीएनबी धोखाधड़ी मामले सहित कई अन्य मुद्दों पर विभिन्न दलों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही बाधित है। सुबह, लोकसभा की बैठक शुरू होते ही अन्नाद्रमुक और टीआरएस के सदस्य नारेबाजी करते हुए अध्यक्ष के आसन के निकट पहुंच गए। तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्यों ने अपने राज्य में आरक्षण से जुड़े मुद्दे पर हंगामा शुरू कर दिया वहीं अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग कर रहे थे।

हंगामे को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे सदन की बैठक पुन: शुरू होने पर भी सदन में हंगामा जारी रहा। टीआरएस और अन्नाद्रमुक के सदस्यों ने अपने अपने मुद्दो उठाने शुरू कर दिए। राजद से निष्कासित सदस्य राजेश रंजन बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जे की मांग करते हुए आसन के निकट पहुंच गए।

अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए और सदन में व्यवस्था बनाने की अपील की। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने हंगामा कर रहे सदस्यों से शांत होने की अपील करते हुए कहा कि सरकार अविश्वास प्रस्ताव सहित सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। सदन में व्यवस्था नहीं होने का हवाला देते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने तेलुगू देशम पार्टी के टी नरसिंहन और वाईएसआर कांग्रेस के वाई बी सुब्बारेड्डी द्वारा सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को आगे बढ़ाने में असमर्थता जताई। इसके बाद उन्होंने सदन की बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।

उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह शुक्रवार और बीते सोमवार तथा मंगलवार को भी सदन में हंगामे के कारण अविश्वास प्रस्ताव को आगे नहीं बढ़ाया जा सका था। उधर, कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड का गठन, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई।

सुबह, 11 बजे उच्च सदन की बैठक शुरू होते ही हंगामा शुरू हो गया। अन्नाद्रमुक और द्रमुक के सदस्य जहां कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन की मांग कर रहे थे वहीं तेदेपा के सदस्य कडप्पा में इस्पात संयंत्र लगाने की मांग कर रहे थे। वाईएसआर कांग्रेस के विजय साई रेड्डी और कांग्रेस सदस्य केवीपी रामचंद्र राव भी आसन के समक्ष आ कर आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे थे।

सभापति एम वेंकैया नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि हर दिन इस तरह सदन की कार्यवाही बाधित करना ठीक नहीं है। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अनुसूचित जाति और जनजाति के लोगों को अब तक अनुसूचित जाति, जनजाति अधिनियम के तहत सुरक्षा मिलती रही है जो इस वर्ग के लोगों के लिए बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस मुद्दे पर कोई पैरवी ही नहीं की। आजाद ने कहा इस मुद्दे पर सदन में चर्चा जरूरी है।

शोरगुल के बीच ही आजाद ने कहा कि कल विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इराक में लापता हुए 39 भारतीयों के मारे जाने के बारे में सदन में बयान दिया था। उन्होंने इन भारतीयों के बारे में पिछले साल भी सदन में एक बयान दिया था। हम चाहते हैं कि इस बारे में भी सदन में चर्चा हो। सभापति नायडू ने उन्हें चर्चा के लिए नोटिस देने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि नोटिस पर विचार करने के बाद चर्चा के लिए समय तय कर दिया जाएगा।

संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल ने कहा कि इस तरह हंगामा जारी रहा तो चर्चा कैसे हो पाएगी। सदन में व्यवस्था होनी चाहिए। सरकार के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि सदन चलाने की जिम्मेदारी केवल सरकार की ही नहीं होती। यह जिम्मेदारी विपक्षी सदस्यों की भी होती है। नायडू ने हंगामा कर रहे सदस्यों से सदन की कार्यवाही चलने देने का अनुरोध करते हुए कहा कि ऐसा मत कीजिये, आप जो कर रहे हैं, वह लोगों को दिखाई दे रहा है। ऐसा मत कीजिये। इस तरह कार्यवाही हर दिन बाधित करना ठीक नहीं है। इसी बीच, कांग्रेस के सदस्य अपने नेता आजाद द्वारा उठाए गए मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए आसन के समक्ष आ गए।

नायडू ने कहा, ‘‘मैं सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार हूं। सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। फिर हर दिन इस तरह कार्यवाही बाधित करने का कारण समझ नहीं आता

बहरहाल, सदन में व्यवस्था नहीं बनते देख उन्होंने 11 बज कर करीब दस मिनट के अंदर ही बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया। 

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