नई टिहरी: उत्तराखंड सरकार के मंत्रिमंडल ने पहली बार टिहरी झील में फ्लोटिंग मरीना (झील के ऊपर तैरते रेस्तरां) में बैठक आयोजित कर सर्वसम्मति से पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने और मेगा इंडस्ट्रीज निवेश नीति में संशोधन सहित एक दर्जन निर्णय किये। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी लोगों ने लाइफ जैकेट पहनकर हिस्सा लिया।
बैठक में लिए गये निर्णयों की जानकारी देते हुए शहरी विकास मंत्री और सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि वर्ष 2018 को रोजगार वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) की क्रय-विक्रय नीति में संशोधन करते हुए पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने का निर्णय लिया गया है। आयुर्वेद, पंचकर्म, यूनानी चिकित्सा, नेचुरोपैथी, योग, होम्योपैथी, स्पा, पॉवर बोट, स्किल गेम, वाटर स्कीईंग और राफ्टिंग को पर्यटन के क्षेत्र में उद्योग का दर्जा दे दिया गया है।
इसके अलावा, राज्य मंत्रिमंडल ने पंडित दीनदयाल सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत गरीब व असहाय महिलाओं को विभिन्न रोजगार के लिए एक लाख रूपए तक का ऋण एक प्रतिशत ब्याज पर जिला सहकारी बैंकों से देने को भी मंजूरी दे दी। कौशिक ने बताया कि पिरूल (चीड की सूखी पत्तियां) के लिए पहली बार स्पष्ट नीति बनाते हुए इसे रोजगार से जोड़ा गया है। पिरूल से बिजली, तारपिन, जैव ईंधन बनाया जाएगा।
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