बेंगलुरु। कर्नाटक में कांग्रेस- जद(एस) गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस लेने वाले दो निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख कर सदन में उनसे विपक्ष की ओर सीट आवंटित करने का अनुरोध किया है।
मुलाबगीलु विधायक एच. नागेश और रानेबेन्नुर विधायक आर. शंकर ने विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) को लिखे अलग- अलग पत्र में कहा है कि उन्होंने सत्तारूढ़ गठबंधन से अपना समर्थन वापस ले लिया है। साथ ही, उन्होंने विधानसभा में अपने लिए विपक्ष की ओर बैठने की व्यवस्था करने का भी उनसे अनुरोध किया है। कर्नाटक विधानसभा का मॉनसून सत्र शुक्रवार को शुरू हो गया और इसके 26 जुलाई तक चलने का कार्यक्रम है।
बहरहाल, सत्र के पहले दिन दोनों निर्दलीय विधायक सदन से अनुपस्थित रहे। सूत्रों के मुताबिक वे मुंबई के एक होटल में ठहराए गए बताए जा रहे हैं। ये दोनों निर्दलीय विधायक राज्य में मंत्री थे। उन्होंने कुछ दिन पहले राज्यपाल वजुभाई वाला को राजभवन में अपना इस्तीफा सौंप दिया था और सरकार से समर्थन वापस लेने के अपने फैसले की उन्हें जानकारी दी थी।
गौरतलब है कि 14 जून को मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करते हुए नागेश और शंकर को मंत्री बनाया था। कुमारस्वामी ने साल भर पुरानी अपनी सरकार को संभवत: स्थिरता प्रदान करने के लिए यह कदम उठाया था। शंकर को कांग्रेस के कोटे से, जबकि नागेश को जद(एस) के कोटे से मंत्री बनाया गया था।
इन दोनों निर्दलीय विधायकों के समर्थन से 224 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के पास अब 107 विधायक हैं। वहीं, यदि सत्तारूढ़ गठबंधन के 16 बागी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाता है, तो कांग्रेस और जद(एस) के कुल विधायकों की संख्या घट कर 100 रह जाएगी। विधानसभा में विश्वास मत की स्थिति में स्पीकर का भी एक वोट होता है।
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