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2 धड़ों में बंट चुकी है कांग्रेस? जानिए कौन सिब्बल-गुलाम नबी आजाद के साथ और कौन खिलाफ

कांग्रेस पार्टी में छिड़े इस गृहयुद्ध में कई ऐसे नेता भी हैं जो अभी तक किसी धड़े के साथ खड़े नहीं दिखाई दे रहे। लेकिन सभी नेता मान रहे हैं कि पार्टी में छिड़ा यह गृहयुद्ध पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह घटा रहा है।

<p><span style="color: #626262; background-color:...- India TV Hindi Image Source : INDIA TV कांग्रेस पार्टी में बिखराव नजर आ रहा है, कई वरिष्ठ नेता एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी के अंदर जिस तरह की कलह छिड़ी हुई है उससे ऐसा लग रहा है कि पार्टी 2 धड़ों में बंट चुकी है। एक धड़ा उन 23 वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का है जिन्होंने अगस्त में पार्टी की अंतिम अध्यक्षा को पार्टी के अंदर बदलाव के लिए चिट्ठी लिखी थी और दूसरा धड़ा उन नेताओं का है जो चिट्ठी लिखने वालों के खिलाफ खड़ा हो गया है। ताजा घटनाक्रम में चिट्ठी लिखने वाले कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद ने मीडिया में बयान देकर फिर खलबली मचा दी है और दूसरी तरफ वो लोग हैं जो चिट्ठी लिखने वालों पर फिर से निशाना साध रहे हैं।

खूब हो रही है बयानबाजी

कपिल सिब्बल ने हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान केंद्रीय नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा था कि पार्टी डेढ़ साल से बिना अध्यक्ष के काम कर रही है और पार्टी कार्यकर्ता अगर अपनी बात किसी के सामने रखना चाहते हैं तो किसके सामने रखें, इसपर लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सिब्बल हमारे नेता नहीं है। इसके बाद गुलाम नबी आजाद ने कहा था की कांग्रेस पार्टी के अंदर 5-स्टार कल्चर पैदा हो गया है और पार्टी नेताओं का कार्यकर्ताओं से कनेक्ट समाप्त हो गया है। गुलाम नबी आजाद के इस बयान पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जो लोग 5 स्टार कल्चर की बात करते हैं वो इसी कल्चर के सहारे आगे बढ़े हैं। कुल मिलाकर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि कांग्रेस पार्टी 2 धड़ों में बंट चुकी है।

सिब्बल-गुलाम नबी आजाद का धड़ा?

कांग्रेस पार्टी का पहला धड़ा उन 23 नेताओं का है जिन्होंने पार्टी की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांदी को बदलाव के लिए चिट्ठी लिखी थी और इस धड़े की अगुवाई गुलाम नबी आजाद तथा कपिल सिब्बल कर रहे हैं। इन दो नेताओं के अलावा चिट्ठी लिखने वाले नेताओं में शशि थरूर, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा, पीजे कुरियन, रेणुका चौधरी, मिलिंद देवड़ा, अजय सिंह, विवेक तन्खा, मुकुल वासनिक, जतिन प्रसाद, भूपिंदर हुड्डा, राजेंद्र कौर भट्टल, विरप्पा मोईली, पृथ्वीराज चव्हाण, राज बब्बर, अरविंदर सिंह लवली, कौल सिंह ठाकुर, अखिलेश सिंह, कुलदीप शर्मा, योगानंद शास्त्री और संदीप दीक्षित का नाम शामिल है।

 चिट्ठी लिखने वालों के खिलाफ?

वहीं दूसरा धड़ा उन नेताओं का है जिन्होंने चिट्ठी लिखने वाले नेताओं पर सवाल उठाया था और इस धड़े में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के करीबी लोग है। अगस्त में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के दौरान चिट्ठी लिखने पर सबसे ज्यादा आपत्ति पार्टी नेता अहमद पटेल ने जताई थी, फिलहाल अहमद पटेल का कोरोना उपचार चल रहा है। अहमद पटेल के अलावा मनमोहन सिंह, अधीर रंजन चौधरी, रणदीप सुरजेवाला, केसी वेणुगोपाल, ए के एंटनी, अजय माकन, अंबिका सोनी और संजय निरुपम ने भी चिट्ठी लिखने वाले नेताओं पर कड़ी आपत्ति जताई थी। इनके अलावा कांग्रेस शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्री और सभी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों ने भी चिट्ठी लिखने वालों पर सवाल खड़े किए थे।

इस गृहयुद्ध का अंत कहां?

कांग्रेस पार्टी में छिड़े इस गृहयुद्ध में कई ऐसे नेता भी हैं जो अभी तक किसी धड़े के साथ खड़े नहीं दिखाई दे रहे। लेकिन सभी नेता मान रहे हैं कि पार्टी में छिड़ा यह गृहयुद्ध पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह घटा रहा है। पार्टी लगातार दो लोकसभा चुनाव हार चुकी है और कई राज्यों में विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है, हाल में बिहार विधानसभा चुनावों मं पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है।

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