नयी दिल्ली: केंद्र की मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला मंत्रिमंडल विस्तार इसी हफ्ते होने की संभावना है। इंडिया टीवी को सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार 8 जुलाई को मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है। वहीं मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना को लेकर चल रही चर्चा के बीच कांग्रेस ने दावा किया कि नरेंद्र मोदी सरकार में पदोन्नति पाने का मापदंड यह होता है कि किस मंत्री ने राहुल गांधी के खिलाफ कितने ट्वीट किए हैं।
पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने यह सवाल भी किया कि उन राज्यपालों को क्यों नहीं हटाया गया, जिनके विरूद्ध संविधान से खिलवाड़ के आरोप लगे हैं? केंद्रीय मंत्रिपरिषद में संभावित फेरबदल के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार है। किंतु मोदी सरकार में किसी तरह का फेरबदल होता है तो ऐसे किसी व्यक्ति को नहीं बदला जाता जिसके विरूद्ध शिकायत हो। ऐेसे व्यक्ति को ईनाम दिया जाता है।’’
खेड़ा ने दावा किया, ‘‘प्रधानमंत्री की नजर में कैबिनेट में ऊंचा दर्जा पाने के लिए यही योग्यता होनी चाहिए कि मंत्री ट्विटर पर राहुल गांधी जी के खिलाफ कितने ट्वीट करते हैं। मंत्री की पदोन्नति इसी पर आधारित होती है। देश और अपने विभाग के लिए वो क्या कर रहे हैं, ये मायने नहीं रखता।’’ उन्होंने सवाल किया, ‘‘जहां मापदंड यह हो, वहां देश को क्या लाभ होगा?’’
कई प्रदेशों के राज्यपाल बदले जाने और नये राज्यपालों की नियुक्ति के संदर्भ में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘क्या किसी ऐसे राज्यपाल को हटाया गया है जिसके विरूद्ध संविधान के साथ खिलवाड़ करने के गंभीर आरोप लगे हों? चाहे वो पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हों या राजस्थान के राज्यापाल हों या फिर लक्षद्वीप के प्रशासक हों, क्या इनको बदला गया है?’’
बता दें कि केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत को कर्नाटक का और मंगुभाई छगनभाई पटेल को मध्य प्रदेश का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति के प्रेस सचिव के हवाले से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, आठ राज्यों में राज्यपालों की नियुक्ति अथवा फेरबदल किया गया है। यह नियुक्तियां और बदलाव ऐसे समय में किया गया है जब केंद्रीय मंत्रिपरिषद में फेरबदल किये जाने के आसार हैं।
ये भी पढ़ें
Latest India News